खुले में शौच जाने को मजबूर नेशनल खिलाड़ी, मां का छलका दर्द- शर्मिंदगी महसूस होती है
सागर जिले के बीना तहसील में पंचायत के भ्रष्टाचार के कारण एक नेशनल खिलाड़ी खुले में शौच जाने को मजबूर है.
सागर: सरकारें अक्सर दावें करती हैं कि वे खेल और खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए काम कर रही हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि मैदान पर वही हकीकत हो, जो सरकार कह रही हो. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान चला रखा है. जिसमें वे पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करना चाहते हैं. लेकिन सागर जिले के बीना तहसील में पंचायत के भ्रष्टाचार के कारण एक नेशनल खिलाड़ी खुले में शौच जाने को मजबूर है.
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दरअसल धावक की नेशनल खिलाड़ी आस्था रजक, काजल रजक और संजना अहिरवार हाल ही में चर्चा में आई थी जब वह महिला दिवस के मौके पर 180 किलोमीटर की दौड़कर मुख्यमंत्री से मिलकर लौटी थी. लेकिन अब चर्चा में इस वजह से है कि इन नेशनल खिलाड़ियों के घर मे बनने वाले शौचालय की रकम जिम्मेदारों ने डकार ली और कागजों पर शौचालय बना दिया तथा इन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही है.
नहीं मिला कोई लाभ, मां का दर्द आया सामने
बीना तहसील के करोंदा गांव कि इन बेटियों को कोई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यहां तक की इनके घर में जो शौचालय बनना था. उसे भी कागजों में बना दिया गया, जिसकी राशि सरपंच सचिव ने निकाल ली. दौड़ में अपना परचम फहरा चुकी गांव की बेटियों की मां रेखा रजक का कहना हैं कि बेटियों को खुले में शौच जाते देखने में शर्मिंदगी महसूस होती है, पर कोई सुनने वाला नहीं है.
कार्रवाई की जाएगी
प्रशासनिक आधिकारियों से जब इन नेशनल खिलाड़ियों के घर मे बनने वाले शौचालय पर बात कि तो बीमा जनपद सीईओो आशीष जोशी का कहना हैं कि मामला पहली बार मेरे संज्ञान में आया है. इस मामले में जांच करा कर जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी.
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विधायक ने कहीं शौचालय बनाने की बात
वहीं बीना से बीजेपी विधायक महेश राय भी इन बेटियों के घर शौचालय बनवाने की बात पर कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से इस मामले में बात करेंगे कि आखिर इन बच्चों के परिवार के साथ ऐसा क्यों हो रहा है.
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