पुष्पेंद्र चतुर्वेदी/ शहडोल: पटवारी हत्याकांड में अब एक नया मामला सामने आया है. मृतक पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की पत्नी ने शहडोल जिला प्रशासन पर अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए हैं. घटना के बाद पहली बार मृतक पटवारी की पत्नी और बेटी शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य से मिलने पहुंची. पीड़ित परिवार का आरोप है कि वो लोग दोपहर में रीवा से शहडोल आ गए थे. लेकिन बड़ी मशक्कत के बाद वो हमसे मिलीं.


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बेटी बोली आरोपी का घर गिराया जाए
मृतक पटवारी की बेटी दिया सिंह ने कहा कि शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य उन्हें मदद के नाम पर 25 हजार रुपए देने की बात कह रही हैं. वह पैसे हमें नहीं चाहिए वो खुद रख लें. हमने कलेक्टर से कहा कि हत्या के आरोपियों का घर गिराया जाए जिस पर कलेक्टर ने कहा कि आरोपियों का घर मैहर जिले में आता है. इसलिए वहां के कलेक्टर से बात करना पड़ेगा.


प्रशासन की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं
मृतक पटवारी की पत्नी और बेटी ने कहा कि हम लोग शहडोल प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. अभी तक लापरवाही पर एसडीएम और तहसीलदार पर आरोप तय नहीं हो सके. उल्टा अब कलेक्टर कहती हैं कि पटवारियों को मैंने भेजा था. शहीद का दर्जा दिलाने की मांग की जिस पर कलेक्टर का कहना है कि हमने हमारे तरफ से पूरी कार्रवाई कर दी है.


कलेक्टर से मिलने के लिए घंटो किया इंतजार
मृतक पटवारी की बेटी दिया सिंह का कहना है कि हम लोग 3 दिसंबर से कलेक्टर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हमें टाइम नहीं दिया जा रहा था. किसी तरह जब हम शहडोल पहुंचे तो 3 घंटे तक चेंबर के बाहर इंतजार करना पड़ा. उसके बाद हम बाहर बैठे रहे और कलेक्टर उठ कर बंगले चली गईं. जब हमें इस बात की जानकारी लगी तो हम लोगों ने उन्हें फोन किया जिसके बाद शाम को कलेक्टर वापस आईं, फिर हमसे मुलाकात की. उनसे बातचीत के दौरान लगा कि वो हमें टालने का प्रयास कर रही हैं.


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गौरतलब है कुछ महीनों पहले 26 नवंबर की रात देवलोंद थाना अंतर्गत सुखाड़ में झिरिया टोला के पास पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की रेत माफियाओ ने ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. पटवारी अपने 3 अन्य साथियों के साथ सोन नदी से रेत का अवैध खनन रोकने गए थे.