Korea News: 35 सालों से केवल चाय पर जीवित हैं ये शिव भक्त, शादी होने के बाद त्याग दिया था खाना, जानिए पूरी कहानी
Korea News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में भगवान शिव की एक ऐसी भक्त हैं, जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे. स्थानीय लोगों ने बताया है कि पल्ली देवी बीते 35 वर्षों से जल और अन्न त्याग कर भगवान शिव की भक्ति में लीन रहती हैं.
Korea News: हमने कई बार ऐसी अनोखी कहानियां सुनी हैं, जिसमें भगवान के प्रति भक्ति का भाव कब पारलौकिक में बदल जाए पता नहीं चलता. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला केवल चाय पीकर 35 सालों से भगवान शिव की आराधना में लिप्त हैं. स्थानीय लोग इन्हें 'चाय वाली चाची' कहकर पुकारते हैं. इस महिला का नाम पल्ली देवी हैं. जो कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बरदिया में रहती हैं. परिवार वालों की माने तो पिछले 35 सालों से अन्न और जल को मुंह तक नहीं लगाया है.
पल्ली देवी के पिता ने बताया
पल्ली देवी अपने पिता के घर पर रहती हैं. 45 वर्ष की चाय वाली चाची के पिता रतिराम बताते हैं कि पल्ली देवी की साल 1985 में शादी हुई, लेकिन पहली बार वापस आने के बाद दोबारा नहीं गईं, तब से अन्न और जल को त्याग दिया और चाय ही पीती है. पहले पाटन के स्कूल में पांचवी तक पढ़ी और उसके बाद बैकुंठपुर में आठवीं कक्षा में पढ़ रही थी. इस समय उसकी टीचर उसे जनकपुर में एथलीट खेल में ले गए, जहां पर दौड़ने में पहले नंबर पर आई. कक्षा छठवीं के बाद उसकी शादी हो गई और ससुराल जाने के बाद वापस आ गई और उसके बाद अपना जल और अन्य त्याग दिया. इसके बाद तब से शिव भक्त बन गई और सिर्फ चाय पीकर ही जीवित हैं.
शादी होते ही अन्न त्याग दिया
ज़ी मीडिया के संवाददाता ने जब पल्ली देवी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शादी के बाद जैसे ही मांग में सिंदूर लगा तब से मैंने अन्न और जल को त्याग दिया और पति के घर को छोड़कर वापस अपने घर आकर मैं भगवान शिव की पूजा करने लगी. तब से लेकर आज करीब 35 वर्षों से मैंने अन्न का एक दाना तक नहीं छुआ. मैं सिर्फ लाल चाय पीती हूं, बीच में मुझे कमजोरी आ गई थी तो मेरे परिवार वालों के कहने पर दूध की चाय पीना शुरू किया था. दूध की चाय लगभग 1 साल तक पी और फिर लाल चाय पीने लगी. चाय भी सिर्फ वो शाम को पीती है, पल्ली देवी का मानना है कि भगवान शिव का आशीर्वाद है इसलिए आज 35 सालों से बिना खाना और पानी के मैं जीवित हूं.
गांव की लोगों की आस्था भी पल्ली देवी से जुड़ी है. गांव के लोग बताते हैं कि जब हम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो हम लोग पल्ली देवी के पास ही जाते हैं.