पन्ना: वर्तमान समय में जब सक्षम होने के बावजूद लोग टैक्स, सब्सिडी नहीं छोड़ते, सरकार- बच्चों को स्कॉलरशिप देने से पहले शर्तें निर्धारित करती हैं. वहीं दूसरी ओर आज भी समाज में ऐसे लोग हैं, जो दूसरों के लिये अपना सब कुछ देने के लिये तैयार है. इसी तरह की मानवता की मिसाल पन्ना में देखने को मिली, जहां एक शिक्षक ने सेवानिवृत होने के बाद बिना किसी शर्त के अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी बच्चों की शिक्षा के लिए दान कर दी.


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पन्ना जिले की प्राथमिक शाला खंदिया, संकुल केंद्र रक्सेहा के सहायक शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया जो एक गरीब परिवार में जन्मे थे. उन्होंने दूध बेचकर, रिक्शा चलाकर अपना बचपन गुजारा. फिर जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी की और 1983 में रक्सेहा में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्त हुए. यहां 39 वर्ष तक गरीब बच्चों के बीच रहे और उन्होंने हमेशा ही स्कूली बच्चों की मदद की. उन्हें उपहार के तौर पर कपड़े, किताबें देते रहे और इन तोहफे को पाकर बच्चों के चेहरे की खुशी से उन्हें यह प्रेरणा मिली.


बच्चों में ईश्वर दिखते हैं
उन्होंने कहा कि इन बच्चों की खुशी में उन्हें ईश्वर दिखते है. 31 जनवरी को सेवानिवृत होते हुये उन्हें अपनी सेवा के दौरान मिलने वाली जीपीएफ तथा ग्रेजेयुटी की राशि लगभग 40 लाख उन्होंने गरीब बच्चों के शिक्षा के लिये विघालय को दान करने की घोषणा कर दी. शिक्षक चंसोरिया ने कहा कि मेरे मन में गरीब बच्चों के बेहतर स्वास्थ तथा शिक्षा मे उक्त राशि सहयोग के रूप मे कारगर बनेगी तथा उनका भविष्य उज्जवल होगा. इस संबंध में मैंने अपनी पत्नी और दोनों पुत्रों व पुत्री की सहमति और सलाह लेकर उक्त राशि दान कर दी.


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घर में खुशी का माहौल
उन्होंने कहा इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती. मेरे बेटे की ईश्वर की कृपा अच्छी नौकरी है और बेटी की शादी हो चुकी है. सबकी सलाह से यह फैसला लिया है. उन्होने इसी प्रकार समाज के सक्षम लोगों से भी समाज हित मे कार्य करने का अनुरोध किया है. अपने पति और पिता के किये कार्य से उनकी धर्मपत्नी और बेटी को भी काफी खुशी और गर्व महसूस हो रहा है.


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