राष्ट्रधर्म सर्वोपरि! UN मिशन में बैतूल की बेटी धर्मवती, 1.5 साल के बेटे को छोड़ जाएंगी दक्षिण अफ्रीका
Madhya Pradesh News: बैतूल के छोटे से गांव की सैनिक बेटी यूएन मिशन पर दक्षिण अफ्रीका जा रही है. राष्ट्रधर्म सर्वोपरि की मिशाल देते हुए डेढ़ साल के बेटे को भारत में छोड़कर जाने का फैसला लिया है. जानिए धर्मवती चौहान की पूरी स्टोरी
हौसले को सलाम
पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी धर्मवती की एक छोटी बहन भी भारतीय सेना में है और मणिपुर आर्मी हॉस्पिटल में पदस्थ है. एक छोटा भाई गुजरात के सूरत में मर्चेंट नेवी में सिपाही है. यूएन मिशन 2024 के लिए दक्षिण अफ्रीका जा रही धर्मवती चौहान आज लाखों बेटियों के लिए एक मिसाल हैं. धर्मवती जैसी भारत की बहादुर बेटियों के हौसले को सलाम करना चाहिए.
आसान नहीं था सफर
धर्मवती के लिए एक छोटे से गांव से यूएन मिशन तक का सफर आसान नहीं रहा. पिता बिल्वन्त लाल खाखरे किसान हैं लेकिन, उन्होंने गांव वालों की बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया और बेटियों को बेटों के बराबर परवरिश दी. नतीजा है की दो बेटियां आर्मी में और एक बेटा मर्चेंट नेवी में है.
पति गुजरात में पदस्थ हैं
धर्मवती अभी नागालैंड में हैं तो उनके पति जयराम गुजरात में और उनका डेढ़ साल का मासूम बेटा बैतूल में नाना नानी के पास है. अब धर्मवती दक्षिण अफ्रीका जाएंगी लेकिन उनका डेढ़ साल का बेटा यहीं भारत मे रहेगा. राष्ट्र धर्म के आगे सारे रिश्ते नाते फीके हो जाते हैं ये धर्मवती को देखकर समझा जा सकता है. धर्मवती की देश की सुरक्षा में तैनात है इसलिए धर्मवती विडियो कॉल के जरिये बेटे से जुड़ी रहती है.
सैनिक दल का नेतृत्व करेंगी
धर्मवती चौहान जो 2015 से असम राइफल्स में पदस्थ हैं और अब देश का नाम रोशन करने यूएन मिशन पर दक्षिण अफ्रीका जा रही हैं. धर्मवती चौहान 22 सदस्यीय महिला सैनिक दल का नेतृत्व करेंगी जो दक्षिण अफ्रीका के कांगो में शांति स्थापना के लिए यूनाइटेड नेशंस द्वारा भेजा जा रहा है.
बेटा भारत में रहेगा
धर्मवती के पिता ने बेटे बेटियों में कभी फर्क नहीं समझा जिसकी वजह से धर्मवती की एक बहन भी मणिपुर आर्मी हॉस्पिटल में पदस्थ है. छोटा भाई गुजरात मर्चेंट नेवी में है. वहीं धर्मवती के पति भी मर्चेंट नेवी में हैं. धर्मवती अपने डेढ़ साल के बेटे को छोड़कर देश के लिए फर्ज निभाने जा रही हैं.
मध्यप्रदेश से केवल धर्मवती
यूएन मिशन पर भारत से जा रहे 22 सदस्यीय महिला दल में मध्यप्रदेश से केवल धर्मवती का नाम शामिल हुआ है. किसान की बेटी धर्मवती ने सोचा भी नहीं था कि वो कभी यूएन मिशन पर जाएंगी.
राष्ट्रधर्म सर्वोपरि!
राष्ट्रधर्म सर्वोपरि! कुछ ऐसा ही करने जा रही है मध्य प्रदेश की एक बहादुर सैनिक बेटी धर्मवती चौहान. बैतूल के छोटे से गांव नांदकुड़ी निवासी असम राइफल्स में पदस्थ धर्मवती चौहान का चयन यूएन मिशन 2024 के लिए हुआ है. अब वो जल्दी ही दक्षिण अफ्रीका जाएंगी. सबसे बड़ी बात की वो अपने डेढ़ साल के बेटे को भारत में छोड़कर राष्ट्रधर्म निभाने जाएंगी.