Omkareshwar मंदिर में रोजाना शयन करने आते हैं शिव-पार्वती, सोने से पहले खेलते हैं चौसर, जानें क्या है रहस्य

Omkareshwar Jyotirlinga Story: मध्य प्रदेश में स्थित ओंकारेश्वर भगवान शिव से जुड़े बारह ज्योतिर्लिंगों में चौथे स्थान पर आता है. मान्यता है कि यहां भगवान शिव और पार्वती शयन के लिए आते हैं। आज हम आपको इस ज्योतिर्लिंग से जुड़ी एक धार्मिक कथा बताने जा रहे हैं.

रंजना कहार Apr 05, 2024, 00:57 AM IST
1/6

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ओम आकार के द्वीप पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है. लोग दूर-दूर यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.ओंकारेश्वर में तीन पुरियाँ हैं, शिवपुरी, विष्णुपुरी और ब्रह्मपुरी. इन्हीं के कारण यहां तीन पहर की आरती का नियम है.

 

2/6

हिंदू धर्म में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर कई मान्यताएं हैं. आज हम आपको इससे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से बताने जा रहे हैं. 

 

3/6

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर से लगभग 80 किमी दूर नर्मदा नदी के तट पर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है. पहाड़ी के चारों ओर नर्मदा नदी बहती है. 

 

4/6

यह ज्योतिर्लिंग ॐकार यानि ओम के आकार का है. इसी कारण इस ज्योतिर्लिंग को ओंकारेश्वर कहा जाता है। शिव पुराण में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को परमेश्वर लिंग भी कहा गया है.

 

5/6

रात्रि में सोने आते हैं भगवान शिव और पार्वती

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में धार्मिक मान्यता है कि बाबा भोलेनाथ रात्रि में शयन के लिए यहां आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह पृथ्वी पर एकमात्र मंदिर है जहां शिव और पार्वती हर दिन चौसर खेलते हैं. 

 

6/6

रात्रि में शयन आरती के बाद प्रतिदिन यहां चौपड़ बिछाई जाती है और गर्भगृह बंद कर दिया जाता है. अगली सुबह ये पासें बिखरे हुए मिलते हैं. 

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link