Lok Sabha Chunav 2024: पूर्व दस्यु का चुनावी दम! कांग्रेस से मांगा टिकट, बोले- नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ेंगे
Lok Sabha Chunav 2024: श्योपुर में पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से मुरैना लोक सभा का टिकिट मांगा है. उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय चुनाव लडेंगे.
लोकसभा चुनाव 2024
अभी देश में लोकसभा चुनाव के लिए कुछ वक्त बचा है. लेकिन, उससे पहले पार्टियों से इतर भी चुनाव लड़ने के दावेदार आने लगे हैं. इसी क्रम में श्योपुर में पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार ने लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया है. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से टिकट भी मांगा है.
कहां से चाहिए टिकट
पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार ने कांग्रेस से मुरैना लोकसभा से टिकट मांगी है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि टिकट नहीं मिलने पर वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
राजनीति के जरिए सेवा
1970 में अपने हक की जमीन के लिए बंदूक उठाकर बागी बनने वाले चंबल के पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार समाज सेवा के लिए राजनीतिक जमीन तलाश रहे है. 2024 में ताल ठोकने वाले पूर्व दस्यु रहे रमेश सिकरवार चुनावी रण में उतरकर राजनीति के जरिए समाज की सेवा का मन बना रहे हैं.
खेती बाड़ी के बाद चुनाव
श्योपुर के आदिवासी विकासखंड कराहल के लहरोनी गांव में रहते हुए खेती बाड़ी करके जीवन गुजारने वाले रमेश सिकरवार अब चुनावी किस्मत आजमाने का ऐलान कर चुके है.
गांधीवादी तरीके से जी रहे हैं
1970 से 1980 के दशक तक चंबल के बीहड़ों में उनकी बंदूक गरजती थी लेकिन, 1984 में आत्मसमर्पण करने के बाद पूर्व दस्यु सिकरवार आज बड़ी ही सादगी के साथ गांधीवादी बनकर रह रहे है.
बदल गई है राजनीति
पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार राजनीति में आने की वजह बताते हुए कहते है कि आज की राजनीति बदल चुकी है. नेता आज चुनाव जीतने के लिए सिर्फ बड़े बड़े वादों का ऐलान करके भ्रष्टाचार में डूब जाते है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर माफियाओं ने कब्जा कर रखा है. महंगाई बेरोजगारी को हटाने का वादा करने वाली सरकार अपने वादे भूल गई है.
किया जीत का दावा
मुरैना श्योपुर से कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का टिकट मांगने वाले रमेश सिकरवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को अपना मित्र बताते हुए कहते है कि कांग्रेस को इस सीट पर वो ही जीत दिला सकते हैं और अगर कांग्रेस उन्हें टिकिट नहीं देती तो वो निर्दलीय ही मुरैना श्योपुर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
डकैत रहते क्या-क्या किया?
10 साल से जायदा समय तक चंबल की बीहड़ों में खौफ का आतंक बने रहने वाले रमेश सिकरवार ने बागी रहते हुए 70 हत्या 250 डकैती के बाद 1984 में एमपी की सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.