PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के बाद पीएम किसान सम्मान निधि की फाइल पर साइन किया था. आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करेंगे. बता दें कि इसके तहत पीएम 20,000 करोड़ रुपये किसानों के खाते में हस्तांतरित करेंगे. इससे देश भर के लगभग  9.26 करोड़ किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी. आपको इसका स्टेटस कैसे चेक करना है, क्या आपके खाते में पैसा आएगा या नहीं इससे जुड़ी जानकारी आप यहां से ले सकते हैं.  किसान सम्मान निधि की 16वीं किस्त 28 फरवरी को जारी हुई थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैसे करें चेक


  • सबसे पहले, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं. 

  • वेबसाइट खुलने के बाद, आपको पीएम किसान योजना का ऑनलाइन पोर्टल दिखाई देगा. 

  • होमपेज पर, ‘Know Your Status’ विकल्प पर क्लिक करें. 

  • एक नया पेज दिखाई देगा जहाँ आपको अपना पंजीकरण नंबर, मोबाइल नंबर, कैप्चा और ओटीपी दर्ज करना होगा. 

  • ये जानकारी दर्ज करने के बाद, आप PM Kisan Beneficiary Status 2024 देख सकते हैं. 


ई केवाईसी है जरूरी
अगर आपने अभी तक ई केवाईसी नहीं कराई है तो  अपने नजदीकी सीएससी सेंटर या नजदीकी बैंक में जाकर ई-केवाईसी करवा सकते हैं. इसके अलावा आप घर बैठे भी पीएम किसान पोर्टल के जरिए इस काम को खुद कर सकते हैं. इसके लिए वेबसाइट पर दिए गए ई-केवाईसी के विकल्प पर क्लिक करें और आगे के प्रोसेस को फॉलो करते रहें. 


यहां करें शिकायत 
आपको बता दें अगर आपके खाते में अभी तक 17वीं किस्त का पैसा नहीं आया है तो आप हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 पर या फिर इस नंबर पर 011-23381092 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा ईमेल आईडी pmkisan-ict@gov.in पर भी मेल करके अपनी समस्या बता सकते हैं. 


ये भी पढ़ें: भोपाल से इतनी दूर है भारत का अमेरिका! इसलिए विदेशों में भी है फेमस 


किसान सम्मान निधि
बता दें कि पीएम किसान निधि की शुरुआत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार ने 2019 में की थी. इसके तहत किसानों को साल में 3 बार ₹2000-₹2000 की किस्त दी जाती हैं. जिसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता करना है.  इसके तहत मोदी सरकार किसानों को सहायता प्रदान करती है. जिससे किसी भी फसल के पहले छोटे किसानों को बीज खरीदने और कृषि से जुड़े के दूसरे कामों के लिए पैसे की कमी ना हो पाए.