नई दिल्लीः देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही बुधवार से नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है. हालांकि अभी तक बीजेपी की अगुवाई वाले सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी यूपीए ने अपने-अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है. राष्ट्रपति पद के लिए 29 जून तक नामांकन होगा. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इन दिनों हर रोज कोई ना कोई खबर सामने आ रही है लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि राष्ट्रपति का चुनाव आखिर कैसे होता है और इसकी क्या प्रक्रिया है? तो आइए जानते हैं-


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कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?
राष्ट्रपति का निर्वाचन इलेक्टोरल कॉलेज के द्वारा किया जाता है. इलेक्टोरल कॉलेज में लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और इसके अलावा सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. विधानपरिषद के सदस्य और नामांकित सदस्य इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य नहीं होते हैं. 


इलेक्टोरल कॉलेज के सभी सदस्यों के मतों का मू्ल्य अलग-अलग होता है.लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के मतों का मूल्य समान होता है लेकिन विधानसभा सदस्यों के मतों का मूल्य अलग होता है. यह राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है. 


संविधान के आर्टिकल-54 में इसके बारे में जानकारी दी गई है. वहीं विधायकों और सासंदों के वोटों का मूल्य कितना होगा, इसकी जानकारी संविधान के आर्टिकल 55(2) में बताई गई है. 


कैसे होती है राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों के वोटों की गणना?
राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सदस्यों के मतों के मूल्य निकालने का एक फार्मूला है. द वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, फार्मूले के तहत राज्य के कुल विधायकों की संख्या को 1000 से गुणा करना है और फिर जो संख्या आएगी उससे राज्य की कुल जनसंख्या को भाग देना है. उससे जो संख्या आएगी वह एक विधायक के वोट का मूल्य होगा. 


उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश की जनसंख्या 1971 की जनगणना के अनुसार, 2,78,00,586 है. वहीं आंध्र प्रदेश में विधायकों की कुल संख्या 175 है. इस तरह 175 को 1000 से गुणा करने पर 1,75,000 आएगा. इसके बाद कुल जनसंख्या 2,78,00,586 को 1,75,000 से भाग देने पर करीब 159 आएगा. इस तरह आंध्र प्रदेश के विधायकों की कुल वोटों का मूल्य 159x175 यानी कि 27,825 होगी. 


सांसदों के वोटों की कैसे होती है गणना?
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों की वोटों की गणना में सभी राज्यों के कुल वोटों के मूल्य को कुल सांसदों की संख्या से भाग देने पर जो संख्या आएगी, वह एक सांसद के वोट का मूल्य होगी. 


जानिए क्या है 2022 की स्थिति
फिलहाल इलेक्टोरल कॉलेज में कुल सदस्यों की संख्या 4809 है. इनमें से 233 राज्यसभा सदस्य और 543 लोकसभा सदस्य हैं. वहीं विधायकों की कुल संख्या 4033 हैं. हर सांसद के वोट का मूल्य 700 है. इस तरह सांसदों के वोटों का कुल मूल्य 5,43,200 है. वहीं कुल विधायकों के वोटों का मूल्य 5,43,231 है. इस तरह इलेक्टोरल कॉलेज के कुल वोटों का मूल्य 10,86,431 है. 


कौन लड़ सकता है राष्ट्रपति चुनाव?
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए. उसकी उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए और वह लोकसभा का सांसद बनने की सभी पात्रता को पूरा करता हो. साथ ही उम्मीदवार के पास इलेक्टोरल कॉलेज के 50 प्रस्तावक और 50 समर्थन करने वाले होने चाहिए. अभी तक देश में सिर्फ नीलम संजीव रेड्डी ही अकेले राष्ट्रपति हैं, जो निर्विरोध चुने गए थे. वहीं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद देश के इकलौते राष्ट्रपति हैं, जो दो बार राष्ट्रपति चुने गए.