मनरेगा के नियमों को ताक पर रखकर की जा रही बंदरबाट,एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत का है आरोप
मजदूर खाली बैठे है काम ढूंढ रहे हैं. मशीनों से काम करवाया जा रहा है.
राजकिशोर सोनी/ रायसेन: कोरोना काल में क्या खास व्यक्ति और क्या आम व्यक्ति सभी को अपने रोजगार में घाटा ही देखने को मिला है. लेकिन गरीब मजदूरों को कोरोना संकट ने तोड़ कर रख दिया है. जिले में अनेक जनपद पंचायतों में मनरेगा योजना में मजदूरों से काम न कराकर मशीनों से काम कराया जा रहा है. जिसका भाजपाई भी विरोध दर्ज करा रहे हैं.
बीजेपी का विरोध
कृष्णकांत आचार्य भाजपा कार्यकर्त्ता ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है. उनका भी मानना है कि इस योजना में सरपंच,सचिव,रोजगार सहायक और जनपद सीईओ द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. जिस कारण इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है.
SDM ने कहा
SDM संघमित्रा बौद्ध का कहना हैं कि व्हाट्सप्प मैसेज के माध्यम से उनकी भी यह शिकायतें आ रही हैं.
जांच दल बनेगा
वहीं कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि जांच दल बनाकर जांच कराएंगे.
मजदूर बेरोजगार है
दरअसल सिलवानी, उदयपुरा तहसील में बड़े पैमाने पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे निर्माण कार्य मशीनों से कराए जा रहे है. जबकि कोरोना काल में मजदूर काम पाने के लिए भटक रहे है. लेकिन निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत के चलते मनरेगा के नियमों को ताक पर रखकर बंदरबाट की जा रही हैं.
मशीनों का खुलेआम हो रहा इस्तेमाल
आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड की अनेकों ग्राम पंचायतों सड़क, मेड़ बंधान आदि निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों के द्वारा कराए जा रहे है. इन निर्माण कार्याे में जेसीबी मशीनों का खुलेआम धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है.
गरीबों का हक मारा जा रहा
वहीं सिलवानी और उदयपुरा जनपद में 2 दर्जन से अधिक पंचायतो में मनरेगा के कार्य मशीनों से कराए जा रहे हैं. ग्राम पंचायत गुप्ती,गोरखपुर,चिंगवाड़ा,जैथारी,चुन्हेटिया,समनापुर ,सिमरिया सहित दो दर्जन से अधिक पंचायतो में मनरेगा योजना में गरीबों का हक मारा जा रहा है.
WATCH LIVE TV