कोरोना कहर: सरकार का बड़ा फैसला, 25 फीसदी स्टाफ से ही काम करेंगे सरकारी ऑफिस, इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी छूट
राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है...
भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बड़ा फैसला लिया गया है. जिसके तहत राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को एक आदेश जारी किया है. जारी किए गए आदेश के अनुसार मंत्रालय व राज्य स्तरीय कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25% रोटेशन से होगी, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी.
सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि इस संबंध में जिला और संभाग स्तर पर कलेक्टर निर्णय लेंगे. इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि सभी ऑफिसों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग किया जाए. सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और अन्य सावधानियां रखने की जिम्मेदारी कार्यालय के प्रभारी अधिकारी की होगी.
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में मंत्रालय में अब तक 46 कर्मचारी संक्रमित मिल चुके हैं, जबकि कोरोना की पहली लहर में 126 कर्मचारी संक्रमित हुए थे. हाल ही में मंत्रालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर कर्मचारियों की उपस्थिति 50% करने की मांग की थी, जिसके बात यह फैसला किया गया है.
एमपी में कोरोना कहर जारी
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू हो रहे हैं. पिछले 24 घंटे में ही 5939 पॉजिटिव केस मिले हैं. इस दौरान 24 मौतें हुईं. अप्रैल माह के 10 दिन के आंकड़े देखे तो प्रदेश में इस दौरान 40,088 संक्रमित मिले हैं, जबकि एक्टिव केस 16 हजार बढ़ गए हैं. यानी 10 दिन में 54% की बढ़ोतरी हुई है. लिहाजा प्रदेश के कई जिलों में लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है.
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