भोपालः मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे अवैध शराब के कारोबार को लेकर अब शिवराज सरकार सख्ती से निपटने की तैयारी में है. क्योंकि अवैध शराब पर सरकार सख्त पाबंदी लगाने की तैयारी में है. सीएम शिवराज ने मंगलवार को कहा कि वह प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ कानून बनाया जाएगा और आने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक भी पास करने की तैयारियां शुरू हो गई है. लेकिन सरकार के इस ऐलान पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं तो बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर पलटवार किया है. 


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विधानसभा सत्र में पास होगा विधेयक 
दरअसल, पिछले कुछ सालों से प्रदेश में अवैध शराब के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. चाहे मुरैना में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत का मुद्दा हो या फिर हाल ही में मंदसौर और इंदौर की घटना जहां अवैध शराब पीने से लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा प्रदेश के अधिकतर जिलों में अवैध शराब के मामले सामने आते रहते हैं ऐसे में अब सरकार अवैध शराब के खिलाफ कानून लाएगी सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है. इसका ड्राफ्ट मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए रखा जा सकता है. कानून में अवैध शराब के कारोबार को लेकर सख्त से सख्त सजा का प्रावधान और शराब की ब्रिक्री को लेकर कड़े नियम बनाए जा सकते हैं. 


दूसरे राज्यों से भी हो रही है अवैध शराब की सप्लाई 
दरअसल, सीएम शिवराज के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था एवं आपदा प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. जिसमें सीएम के समक्ष अवैध शराब का मुद्दा सामने आया है. ऐसे में अवैध शराब का धंधा करने वाले अपराधियों के लिए सख्त कानून बनाए जाने पर विचार हुआ है जिसे अब लागू करने की तरफ विचार किया जा रहा है.  बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में ही अवैध शराब बन रही है. जबकि दूसरे राज्यों से भी अवैध शराब की सप्लाई हो रही है. क्योंकि हाल ही में इंदौर में ब्रांडेड नकली शराब मिली है. ऐसे में अवैध शराब की रोकथाम के लिए संबंधित राज्यों की सरकारों से भी शिवराज सरकार बात भी करेगी. अगर डिस्टलरीज भी नियम के खिलाफ काम करेंगी, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा दूसरे राज्यों से लगी सीमाओं पर भी सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि सरकार अवैध शराब पर लगाम लगा सके. 


मंदसौर में अवैध शराब से 8 लोगों की मौत हुई थी 
वहीं अवैध शराब के मामलों पर प्रदेश के गृहमंत्री  नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शराब मफिया को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. मंदसौर, इंदौर में मामला सामने आते ही प्रशासन ने आरोपियों के अवैध ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. दरअसल, मंदसौर जिले में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा इंदौर में भी जहरीली शराब पीने से कुछ युवकों की मौत हो गई. जबकि कुछ महीनों पहले मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से मौतो का मुद्दा प्रदेश बड़ी घटना माना गया था. 


पिछले कुछ महीनों में 53 लोगों की मौत 
दरअसल, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पिछले 15 महीनों में प्रदेश में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो चुकी है. 23 जुलाई को जहरीली शराब पीने से मंदसौर में 5 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि खंडवा जिले में भी 4 लोग की मौत हुई थी. इसके अलावा इंदौर में 5 युवाओं की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी. वहीं जनवरी 2021 में मुरैना जिले में जहरीली शराब से 26 लोगों की मौत हो गई थी. यानि प्रदेश के सभी अंचलों में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है. 


कांग्रेस ने साधा निशाना 
अवैध शराब के खिलाफ कानून बनाने के शिवराज सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि अवैध शराब के लिए नए कानून की जरूरत नहीं है, ''भाजपा सिर्फ कानून बनाने में माहिर है. दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा का कानून बनाया कितनों को सजा दी सरकार बताए ? शराब माफिया के साथ भाजपा नेताओं की गठजोड़ है. कार्यवाई की जगह टालमटोली कर रही है सरकार. फिलहाल जो कानून बना है वह पर्याप्त है, अगर सरकार उन्ही धाराओं में कार्रवाई करें तो अवैध शराब पर लगाम लगाई जा सकती है.''


बीजेपी का पलटवार 
वहीं इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया. बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि ''कमलनाथ सरकार में माफिया राज चलता था. कांग्रेस का माफिया से गठजोड़ है, लेकिन अब अवैध शराब के खिलाफ सख्त कठोर कानून बनाया जा रहा है तो कांग्रेस को दर्द होना लाजमी है. 


तेजी से बढ़ा है अवैध शराब का कारोबार 
सत्ता पक्ष और विपक्ष कुछ भी कहे लेकिन एक बात तय है कि प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ा है. एक सरकार रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में साल 2018-19 में मध्य प्रदेश में  4 लाख 79 हजार लीटर अवैध शराब पकड़ी गई. इसी तरह 2019-20 में 9 लाख 87 हजार लीटर अवैध शराब फिर पकड़ी गई. यानि एक साल के अंदर ही अवैध शराब में दोगुनी तेजी देखी गई. वहीं इस साल भी अब तक लाखों रुपए की जहरीली शराब पकड़ी गई है. जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. 


बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बॉर्डर पर अवैध शराब का काम काज तेजी से चल रहा है. यही वजह है कि बुंदेलखंड और विंध्य अंचल में अवैध शराब के मामले लगातार सामने आते हैं. इसी तरह मालवाचंल में भी दूसरे राज्यों से अवैध शराब की सप्लाई के मामले सामने आए हैं. ऐसे में अब शिवराज सरकार अवैध शराब के खिलाफ कानून बनाने लाने की तैयारी में है.  


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