उमरिया:  उमरिया जिले में सरकारी स्कूल के छात्रों को दिए जाने वाले गणवेश में बड़ा घोटाला सामने आया है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन और गणवेश की सप्लाई करने वाले ठेकेदार की मिलीभगत से छात्रों को कम साइज और तय मापदंड से खराब क्वालिटी के गणवेश को प्रदान कर दिए गए. 


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बता दें कि साइज छोटी होने से छात्रों ने गणवेश लेने से इंकार कर दिया. जिसके बाद जिले में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कलेक्टर ने गणवेश के लिए कपड़े सप्लाई करने वाले ठेकेदार रुद्र इंटर प्राइजेज को ब्लैकलिस्ट कर जांच शुरू की है.


जानिए पूरा मामला
दरअसल उमरिया जिले में 99,532 स्कूली छात्रों को प्रति छात्र दो गणवेश दिया जाना था. जिसके लिए शासन ने छह करोड़ की राशि निर्धारित की थी. गणवेश के लिए कपड़ा आपूर्ति के लिए ठेकेदार और गणवेश सिलाई के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन अंतर्गत स्वसहायता समूह की महिलाओं को काम दिया गया. लेकिन जिले के सबसे बड़े ब्लाक करकेली में कपड़ा ठेकेदार ने आजीविका मिशन के साथ मिलीभगत कर खराब क्वालिटी का कपड़ा दिया. अब आलम यह है कि गणवेश सिलकर तैयार तो गए लेकिन स्कूलों में पड़े हैं.इस पूरे मामले में तकरीबन 3 करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका बताई जा रही है.


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गौरतलब है कि जिले में वर्तमान शिक्षण सत्र का आधा समय बीत चुका है. लेकिन छात्रों को सही समय पर तय गुणवता के गणवेश न मिल से शिवराज सरकार में मौजूद कमीशनखोरी और अफसरों की मनमानी खुलकर सामने आई है. देखना होगा कि छात्रों के हक पर डाका डालने वाले अफसरों और जिम्मेदार ठेकेदार पर कब तक कार्यवाही होती है और छात्रों को कब तक गुणवत्ता के गणवेश मिल पाते हैं.