भोपालः व्यापमं आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में दो और आरोपियों को सजा सुनाई गई है. यह मामला साल 2014 में आयोजित हुई पुलिस आरक्षक भर्ती का बताया जा रहा है कि जिसका खुलासा 2015 में हुआ  था. सीबाआई कोर्ट ने मध्य प्रदेश परीक्षा मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर पर दोनों को सजा सुनाई गई हैं. 


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दोनों आरोपियों को सात-सात साल की सजा हुई है
दरअसल, फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर आरक्षक बने ओम प्रकाश त्यागी ओर दलाल सतीश जाटव को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है. ओम प्रकाश त्यागी के स्थान पर परीक्षा दिलाने के लिए दलाल सतीश जाटव ने प्रखर त्रिवेदी को पैसा देकर परीक्षा में बिठाया था. जिसके बाद ओम प्रकाश त्यागी परीक्षा में पास हुआ और वह आरक्षक के पद पर भर्ती भी हुआ था. यह परीक्षा 2014 में आयोजित हुई थी. जबकि 2015 में यह मामला दर्ज हुआ. अब इस मामले में दोनों आरोपियों को सजा मिली है. जबकि ओमप्रकाश त्यागी की जगह परीक्षा देने वाले प्रखर त्रिवेदी की मौत हो चुकी है. 


1 लाख 25 हजार में हुआ था परीक्षा का सौदा 
ओम प्रकाश त्यागी व सतीश जाटव के बीच परीक्षा पास कराने का सौदा 1 लाख 25 हजार रुपए में तय हुआ था. यह राशि कुछ नगद और कुछ राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया था. मामले में दोनों आरोपी ओमप्रकाश त्यागी और सतीश जाटव को मूल्यवान प्रतिभूति के दस्तावेजों फर्जी तरीके से बनाए थे. जबकि फर्जी तरीके से इन दस्तावेजों का उपयोग किया गया था. 


पिछले दिनों सीबीआई ने कोर्ट में व्यापमं मामले की चार्जशीट पेश की थी. जिसमें 13 आरोपियों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें से 4 नए आरोपी व्यापमं दफ्तर से बनाए गए हैं. सीबीआई ने कोर्ट में 73 लोगों को आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की थी. पेश की गई चार्जशीट में नए बनाए गए 13 आरोपियों में मिडिल मैन (मध्यस्थ), चार पैरेंट्स, तीन वो लोग जो छात्र की जगह बैठकर परीक्षा दे रहे थे और 3 लाभार्थियों को आरोपी माना है.


क्या है व्यापमं घोटाला 
दरअसल, व्यापमं घोटाला 2012 में हुआ था. जहां उम्मीदवारों की जगह दूसरे लोगों को परीक्षा दिलाई गई थी. बाद में परीक्षा में पास होने पर दूसरे लोगों को नौकरियां मिली थी. इस तरह का फर्जीवाड़ा उस वक्त व्यापमं यानि व्यावसायिक परीक्षा मंडल में आयोजित की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में हुआ था. इस मामले में जमकर पैसे का लेन देन भी हुआ था. हजारों छात्र-छात्राएं इससे प्रभावित हुए थे. सीबीआई ने जिन 13 लोगों को नया आरोपी बनाया है, उनमें से छह को बुधवार और सात को गुरुवार को कोर्ट पेश होने के लिए कहा था. लेकिन बुधवार को छह में से एक भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ है. कोर्ट में आरोपियों के पेश नहीं होने की स्थिति में कोर्ट जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ वारंट भी जारी कर सकता है.


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