खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए अब प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां शुरू हो रही है.
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खंडवाः एक तरफ राजनीतिक पार्टियां खंडवा उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं, तो दूसरी तरफ अब उपचुनाव की प्रशासनिक तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. क्योंकि खंडवा में 2 अगस्त से ईवीएम और वीवीपैट मशीन के परीक्षण का दौर शुरू किया जाएगा. इसके लिए सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित रहने के लिए सूचना भेज दी गई है. मशीनों के परीक्षण के लिए बेंगलोर से बीएचईएल (BHEL) कंपनी के इंजीनियरों की एक टीम खंडवा आएगी, उन्हीं की देखरेख में यह काम लगभग 15 दिन तक चलेगा.
खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं
खंडवा लोकसभा सीट पर 19 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं. भले ही अब तक उपचुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर तैयारी अब शुरू हो गई है. हालांकि माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में चुनाव आयोजित कराए जा सकते हैं. ऐसे में चुनाव आयोग ने खंडवा संसदीय सीट के लिए 2900 ईवीएम मशीने उपलब्ध कराई हैं. इन ईवीएम मशीनों की रिहर्सल 2 अगस्त से शुरू हो जाएगी.
खंडवा के उप निर्वाचन अधिकारी शंकरलाल सिंघाड़े ने बताया कि 2 अगस्त से खंडवा में इन मशीनों की जांच, परीक्षण और अपडेट करने का दौर शुरू होगा. इसके लिए स्थानीय इंजीनियरों के साथ बीएचईएल कंपनी के विशेषज्ञ इंजीनियर भी खंडवा आएंगे. 15 दिन तक प्रत्येक मशीन से पुराने डाटा डिलीट करके मशीनों को अपडेट किया जाएगा. यह काम खंडवा के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में होगा.
अतिरिक्त मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे
कोरोना के चलते खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अतिरिक्त मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे. तैयारियों के हिसाब से पूरे लोकसभा क्षेत्र में 2367 मतदान केंद्र बनेंगे. लेकिन संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.
खंडवा संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं
खंडवा संसदीय सीट के तहत खंडवा जिले की खंडवा, मांधाता, पंधाना, बुराहानपुर जिले की बुरहानपुर, नेपानगर, खरगोन जिले की बड़वाह, भीकनगांव और देवास जिले की बागली विधानसभा सीटें शामिल हैं. पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी, जबकि तीन सीटें बीजेपी के खाते में गई थी और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. जबकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
खंडवा लोकसभा सीट पर अब तक 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव सहित खंडवा सीट पर अब तक हुए 16 आम चुनावों में से 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है तो 7 बार बीजेपी ने भगवामय किया है, जबकि एक बार लोकदल ने यहां खाता खोला था. 1996 से बीजेपी के नंदकुमार सिंह चौहान इस सीट पर लगातार जीत हासिल कर रहे थे, लेकिन 2009 के चुनाव में कांग्रेस के अरुण यादव ने उनकी जीत पर ब्रेक लगा दिया था. लेकिन 2014 और फिर 2019 में नंदकुमार सिंह ने अरुण यादव हराया.
नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी सीट
बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खंडवा लोकसभा सीट खाली हुई थी. ऐसे में इस सीट पर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी की तरफ से दिवगंत नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और कृष्णमुरारी मौघे का नाम दावेदारों में लिया जा रहा है. तो वहीं कांग्रेस की तरफ से फिलहाल पूर्व सांसद अरुण यादव के नाम की चर्चा है. लेकिन अब तक बीजेपी और कांग्रेस में किसी भी दल ने प्रत्याशी के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
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