आदिवासी की मौत मामला: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री ने CM शिवराज और गृह मंत्री को पत्र लिखकर की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र कवर्धा के ग्राम बालसमुंद निवासी नेमसिंह ध्रुर्वे ने 8 सितंबर को छत्तीसगढ़ के जिला कबीरधाम के थाना झलमला प्रभारी को अभ्यावेदन दिया है.
रायपुर: कबीरधाम जिले के निवासी झामसिंह ध्रुर्वे की मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा गोली चलाने से हुई मौत के मामले में छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग है. वन मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस की गोली से मरने वाले झामसिंह ध्रुर्वे, कबीरधाम जिले के विकासखंड बोड़ला अंतर्गत ग्राम बालसमुंद के निवासी थे. वे आदिवासी वर्ग से ताल्लूक रखते थे.
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वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र कवर्धा के ग्राम बालसमुंद निवासी नेमसिंह ध्रुर्वे ने 8 सितंबर को छत्तीसगढ़ के जिला कबीरधाम के थाना झलमला प्रभारी को अभ्यावेदन दिया है. अभ्यावेदन के आधार पर पड़ताल में यह संज्ञान में आया है कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा में 6 सितंबर को दो निर्दोष आदिवासियों झामसिंह ध्रुर्वे और नेमसिंह ध्रुर्वे पर अकारण ही गोली चलाई गई. जिससे झामसिंह ध्रुर्वे की मौत हो गई और नेमसिंह ध्रुर्वे पर गोली का निशाना चूक गया.
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने एमपी के सीएम शिवराज सिंह और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को लिखे इस पत्र में बताया कि उक्त घटना से आदिवासी सामाज नाराज है. आपको बता दें कि एमपी के बालाघाट जिले के गढ़ी में नक्सलियों और पुलिस के बीच हुई फायरिंग के बाद सर्चिंग के दौरान एक व्यक्ति की लाश मिली थी.
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जिसके बाद मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था है कि उनका बेटा मछली पकडऩे गया था, लौटते समय नक्सली होने के शक में उसकी हत्या कर दी गई.
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