भोपाल. मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों में दो और किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली पिछले 8 जून से प्रदेश में खुदकुशी करने वाले किसानों की संख्या 17 हो गई है.किसान खुदकुशी की ताजा घटनाएं होशंगाबाद और नरसिंहपुर जिलों में हुई है. 


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कर्ज के बोझ से दबा था बाबूलाल वर्मा


होशंगाबाद देहात पुलिस थाने के मुताबिक जिले के रंडाल गांव के 40 साल के किसान बाबूलाल वर्मा ने पिछले हफ्ते खुद को आग लगा कर सुसाइड करने की कोशिश की थी...वर्मा की मंगलवार को भोपाल के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वर्मा के परिवार ने आरोप लगाया कर्ज की वसूली के कारण सूदखोरों से परेशान होकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया. 


4 लाख के कर्ज तले दबा था लक्ष्मी गुमास्ता


पुलिस ने बताया कि नरसिंहपुर जिले के धमना गांव के 65 साल के किसान लक्ष्मी गुमास्ता ने मंगलवार सुबह अपने घर में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. गुमास्ता के परिजन ने बताया कि लगभग चार लाख रुपए के कर्ज को अदा नहीं कर पाने के कारण वह तनाव में था. इसके अलावा दो माह पहले आग लगने से उसकी फसल नष्ट हो गई थी और उसे इसका कोई मुआवजा भी नहीं मिला था.


गुमास्ता के परिजनों ने दिया धरना
नरसिंहपुर के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नरेश शर्मा ने बताया कि पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है. मुआवजे की मांग को लेकर गुमास्ता के परिजन और कांग्रेस नेताओं ने धरना भी दिया जिला कलेक्टर आर आर भोंसले द्वारा मुआवजे के संबंध में आश्वासन दिए जाने के बाद धरना समाप्त किया गया.


10 जून तक आंदोलन पर थे मध्य प्रदेश के किसान


गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम और कर्जमाफी सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर थे और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में हिंसा, आगजनी, तोडफोड एवं लूटपाट की कई घटनाएं की. 


पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी


छह जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी. इसके अलावा, मंदसौर जिले के बडवन गांव में 26 साल के एक और किसान की कथित तौर पर पुलिस पिटाई के कारण मौत हो गयी थी.


प्रदेश में 8 जून से अब तक 17 किसान कर चुके हैं खुदकुशी


पिछले 8 जून से प्रदेश में 17 किसान खुदकुशी कर चुके हैं. इससे पहले किसान खुदकुशी की घटनाएं प्रदेश के सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, धार और विदिशा जिलों में हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में पांच किसान आत्महत्या कर चुके हैं.