मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक बार फिर बड़ा मामला सामने आया है, जो दो आरोपियों ने एक संत के साथ मारपीट की है. बदमाशों ने संत को निर्वस्त्र कर पीटा था और उनकी लंगोट भी निकाल दी थी. घटना के बाद संत ने उज्जैन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, दोनों उज्जैन जिले के नागदा के रहने वाले हैं, बताया जा रहा है कि दोनों ने शराब के नशे में संतों के साथ मारपीट की थी. पुलिस का कहना है कि जब दोनों को गिरफ्तार किया था तब वह भी वह शराब के नशे में थे. आरोपियों पर गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आरोपियों को बीजेपी का कार्यकर्ता बताया है. 


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नागदा के रहने वाले हैं दोनों आरोपी 


नागदा पुलिस ने बताया कि संत की शिकायत के बाद से ही आरोपियों की तलाश की जा रही थी. जहां पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है. एक आरोपी लक्ष्मण पिता नारायण सिंह शेखावत है दूसरा विक्की शुक्ला है दोनों ही नागदा के रहने वाले हैं. दोनों ने शराब के नशे में संत के साथ मारपीट की थी. पुलिस ने जब दोनों को गिरफ्तार किया तब भी दोनों ने शराब पी रखी थी. ऐसे में पहले दोनों को अस्पताल में ले जाया गया और उसके बाद मामला दर्ज किया गया. 


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बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने 


वहीं संत के पिटाई के मामले में राजनीति भी तेज होती दिख रही है. कांग्रेस ने आरोपियों को बीजेपी का कार्यकर्ता बताया है. इसके अलावा पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा भाजपा हमेशा दावा करती है वह साधु संतों के साथ है, लेकिन नागदा में संतों के साथ हुई मारपीट करने वाले आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता इस बात के सबूत है. मानक अग्रवाल के आरोपों पर बीजेपी के रजनीश अग्रवाल ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कांग्रेस का हाथ हमेशा तुष्टीकरण के साथ रहता है, भाजपा की सरकार में जो भी गलत करता है उसे छोड़ा नहीं जाता कांग्रेस की पीड़ा हमेशा अल्पसंख्यक समाज के लिए रहती है.


गुना जिले के रहने वाले हैं पीड़ित संत 


पीड़ित संत का नाम महंत गोपालदास है, जो गुना जिले के मुंगावली वार्ड-1 के रहने वाले हैं. उनके साथ मारपीट की घटना पांच सितंबर को हुई थी, जिसके बाद 6 सितंबर को उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि वह नागदा के त्यागी महाराज के आश्रम आते-जाते रहते थे. पांच सितंबर को जब वह दर्शन करके लौट रहे थे. तब बीसीआई कॉलोनी के जंगल में दो लोग मिले, दोनों शराब के नशे में थे और उन्होंने मुझे रोककर गायत्री मंत्र सुनाने के लिए कहा, जब मैंने उनसे कहा कि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं और महात्मा भी नहीं हूं तो दोनों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. दोनों ने शराब के लिए पैसे भी मांगें थे.


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