उमा-प्रभात का `दर्द-ए-ट्वीट`: दोनों के स्टैंड से उठ रहे कई सवाल, निशाने पर कौन और क्यों?
क्या ये दोनों नेता पार्टी की बदलती रणनीति से असंतुष्ट हैं? ये सवाल हम नहीं पूछ रहे, खुद इन दोनों नेताओं के ट्वीट से ऐसे प्रश्न खड़े रहे हैं.
वैभव मिश्रा/नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कभी बीजेपी की अगुआ रहीं उमा भारती और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा इन दिनों हाशिये पर चल रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को न तो केंद्र में तवज्जों मिल रही है और न ही शिवराज सरकार उन्हें ज्यादा तरजीह दे रही है. यही हाल बीजेपी के सीनियर लीडर प्रभात झा के हैं, जिन्हें टीम नड्डा और वीडी शर्मा की मंडली में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है. बीजेपी की नेशनल और स्टेट टीम में नए और युवा चेहरों को मौके मिल रहे हैं. तो क्या ये दोनों नेता पार्टी की बदलती रणनीति से असंतुष्ट हैं? ये सवाल हम नहीं पूछ रहे, खुद इन दोनों नेताओं के ट्वीट से ऐसे प्रश्न खड़े रहे हैं.
सियासत और क्रिकेट में टाइमिंग बेहद खास मानी जाती है. इसके जरिए खिलाड़ियों की तरह नेताओं के माइंडसेट को परखा जा सकता है. कभी बीजेपी की फायर ब्रांड नेता रहीं एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए 31 जनवरी को ताबड़तोड़ ट्वीट किए. 1 फरवरी को बजट पेश हुआ तो उमा ने दोबारा सिलसिलेवार ट्वीट किए. इसमें उमा भारती ने राजमाता सिंधिया, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को अपना नेता बताया. वहीं सुब्रमण्यम स्वामी को हीरो और अपना आदर्श.
उमा भारती की 'ट्वीट सीरीज़' पार्ट-1
उमा भारती ने 31 जनवरी को अपने ट्वीट में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को लेकर लिखा, ''यह तो कलयुग की त्रासदी है कि कौए खीर खाते हैं और हंस मोती की जगह दाना चुगते हैं. यह शायद इसलिए है कि उन्होंने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया. मैं भी उनके जैसे बनने की कोशिश करती हूं.'' उमा भारती ने अपनी ट्वीट श्रृंखला में आगे लिखा, ''डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी के जीवन के सहस्त्र चंद्र दर्शन (1000 पूर्णिमा) पूरे हुए, जिसकी खुशी में मेरे गुरु के स्थान वसंत कुंज, दिल्ली में उत्सव मनाया गया. डॉ. स्वामी भारत की राजनीति के सर्वाधिक बुद्धिमान, भारतीय अर्थ नीति की गहरी समझ रखने वाले एक भव्य हिंदू हैं.''
उमा भारती की बजट पर प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए आम बजट को उमा भारती ने व्यावहारिक बजट बताते हुए पीएम मोदी और भारत सरकार का अभिनंदन करते हुए ट्वीट किया, ''हर घर में पीने का पानी एवं समग्र विकास, यही भारत को संसार में आर्थिक प्रतिष्ठा दिलाएगा.'' सनद रहे कि उमा भारती ने 2021 के आम बजट को ऐतिहासिक या शानदार नहीं बताया. जैसा कि बीजेपी की पूरी लीडरशिप इस बजट का गुणगान कर रही है.
उमा भारती की 'ट्वीट सीरीज' पार्ट-2
उमा भारती ने 1 फरवरी को दोबारा दनादन कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, ''अपने लेख में डॉ. स्वामी को अपना आदर्श एवं हीरो कहा तो बहुत लोग प्रसन्न हुए तथा कुछ लोग नाराज भी हुए. जब हमारे देश में इमरजेंसी लगी तब डॉ. स्वामी एक हीरो के रूप में उभर करके पूरे संसार के सामने आए थे. तब मैं बहुत छोटी थी. किंतु उनकी किसी भी चुनौती से हार नहीं मानने की छवि ने मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव डाला. रामसेतु को बचाने के लिए तथा रामजन्म भूमि के लिए भी उन्होंने कोर्ट में निर्णायक लड़ाई लड़ी. डॉ. स्वामी को जानने के लिए उनकी जीवनी पढ़नी चाहिए.''
अपने अगले ट्वीट में पूर्व सीएम ने बीजेपी को टैग करते हुए लिखा कि मेरे गुरु पेजावर स्वामी जी हैं. मेरी नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया, अटल जी, आडवानी जी रहेंगे जो मुझे राजनीति में लाए तथा मुझे आगे बढ़ाया. डॉ. स्वामी हमेशा मेरे आदर्श एवं हीरो रहेंगे.
अब प्रभात झा का 'दर्द-ए-ट्वीट'
उमा भारती के साथ ही बीजेपी के सीनियर लीडर प्रभात झा भी इन दिनों नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहतों का डोज दे रहे हैं. उनकी नसीहतें सत्ता व संगठन के लिए मानी जा रही हैं. क्योंकि सिंधिया की बीजेपी में एंट्री के बाद से वह साइडलाइन हैं. प्रभात झा ने 1 महीने में 125 से ज्यादा ट्वीट किए. इनमें से ज्यादातर में नसीहतों की भरमार थी. झा ने पिछले महीने 23 जनवरी को ट्विटर पर लिखा था, ''दुर्गंध की गति सुगंध से तेज होती है.'' 17 जनवरी को लिखा था, ''अहंकारी व्यक्ति वह होता है जो अपने बारे में इतना ज्यादा बोलता है कि वह मुझे अपने बारे में बोलने का जरा भी समय नहीं देता. हर चमकती चीज सोना नहीं होती.''
प्रभात झा के इस ट्वीट को वीडी शर्मा की नई टीम से जोड़कर देखा गया था. इससे पहले 16 जनवरी को बीजेपी के मुखर नेता प्रभात झा ने लिखा था, ''एक छेद से जहाज डूब जाएगा और एक पाप से पापी नष्ट हो जाएगा. सतर्कता बुद्धिमत्ता की सबसे बड़ी संतान है, भीड़ के दिमाग जितना अनिश्चित कुछ नहीं है.'' इसी दिन झा ने लिखा था, ''जो व्यक्ति बहाने बनाने में निपुण होता है वह अक्सर किसी दूसरे काम में निपुण नहीं होता.''
पहले ही लिखा था कि सियासत और क्रिकेट में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है. उमा भारती के ट्वीट तब आ रहे हैं जब भारत की अर्थव्यस्था सुस्त पड़ी है. आपको बता दें कि देश के कई बुद्धिजीवी मानते हैं कि इस समय देश को एक चुस्त-दुरूस्त फाइनेंस मिनिस्टर की दरकार है. जो इंडियन इकॉनोमी को बुलेट ट्रेन की रफ्तार दे सके और पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम रखते हुए, रुपए की कीमत को इंटरनेशनल मार्केट में ऊंचाई पर पहुंचा सके. उमा इसके लिए सुब्रमण्यम स्वामी को सबसे योग्य मानती हैं. वहीं प्रभात झा के ट्वीट तब आ रहे हैं जब सिंधिया लगातार अपने समर्थकों को बीजेपी में एडजस्ट करते जा रहे हैं. वहीं भाजपा के अपने नेता और कार्यकर्ता दरकिनार होते जा रहे हैं.
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