Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश (Union Budget 2023) करेंगी. ये बजट कई मायनों में खास इसलिए है क्योंकि साल 2023 चुनावी साल है. ऐसे में चुनाव बाद ही सरकार का पू्र्ण बजट पेश किया जाएगा. वहीं कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. ऐसे में लोगों को खास उम्मीद हैं.


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गौरतलब है कि बजट पेश करने के लिए काफी लंबी तैयारी की जाती है. इसके साथ ही बजट पेश करने से पहले हलवा भी बनाया जाता है. अब आपके मन में सवाल जरूर आया होगा कि बजट में हलवे का क्या काम? तो चलिए आपको बताते हैं, इस बारे में....


शुभ काम से पहले मुंह मीठा
बता दें कि जब देश के बजट की छपाई पूरी हो जाती है और उसे पैक किया जाता है तो उस दौरान वित्त मंत्रालय और उसके कर्मचारी खास सेरेमनी करते हैं. जिसे हलवा सेरेमनी (halwa ceremony) कहते हैं. आसान भाषा में बोले तो जैसे शुभ काम से पहले मीठा खाया जाता है, वैसे ही बजट पेश करने से पहले हलवा सेरेमनी करके मुंह मीठा कराया जाता है.  इस सेरेमनी के लिए बड़े बर्तन में हलवा तैयार होता है. हालांकि पिछले साल कोरोना के चलते ये सेरेमनी नहीं हो पाई थी. हालांकि हलवा सेरेमनी की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. लेकिन ये परंपरा दशकों से चली आ रही है.  


कौन-कौन होता है मौजूद? 
हर साल जो हलवा सेरेमनी आयोजित होती है, उसे वित्त मंत्रालय आयोजित करता है. इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिनिस्ट्री के बाकी अधिकारी मौजूद होते है. इस सेरेमनी का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित किया जाता है. इस परंपरा का आयोजन काफी अच्छे से किया जाता है.


गोपनीयता का रखा जाता है ध्यान
आपको जानकर हैरानी होगी कि हलवा सेरेमनी के बाद बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल कर्मचारी नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहते हैं, और करीब 10 दिनों बाद बाहर निकलते है. इस दौरान वो पूरी दुनिया से डिसकनेक्टेड होते हैं. ये इसलिए किया जाता है ताकि बजट से जुड़ी जानकारी संसद में वित्त मंत्रालय के भाषण से पहले लीक न हो जाए.