अजय दुबे/जबलपुरः केंद्र सरकार के द्वारा 1 फरवरी को संसद (parliament) में पेश किए जाने वाले बजट (budget) को लेकर व्यापारियों और उद्योगपतियों को सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं. उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार द्वारा इस बार बजट में सभी सेक्टर के उद्योगपतियों (industrialists) को राहत दी जानी चाहिए. जिससे प्रदेश और देश में आसानी से उद्योग लगाए जा सके. सिंगल विंडो सिस्टम (single window system) होना चाहिए. ताकि किसी भी उद्योगपति को उद्योग लगाने में परेशानी ना हो.


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रियर स्टेट देता है सबसे ज्यादा टैक्स
मौजूदा वक्त में उद्योग लगाने के लिए दस्तावेज बनवाने में ही इतनी कठिनाई होती है कि उद्योगपति और व्यापारी पूरी तरह से हताश हो जाता है. इतना ही नहीं रियल स्टेट में भी बड़ी रियायत की मांग की है. उद्योगपतियों का कहना है कि हर राज्य में अलग-अलग जमीन की रजिस्ट्री मैं टैक्स लगाया जाता है. केंद्र सरकार को सभी राज्यों में रजिस्ट्री पर लगाने वाला टैक्स एक समान लगाना चाहिए, क्योंकि रियल स्टेट ही एक ऐसा सेक्टर है जो सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स देता है.


जानिए क्या कहा ट्रांसपोर्टरों ने
वहीं बजट को लेकर ट्रांसपोर्टरों का कहना है की टोल नाकों पर लगने वाले टेक्स्ट को कम करना चाहिए. पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स और वेट को सरकार को जीएसटी के दायरे में डीजल पेट्रोल के टैक्सेस को भी लाना चाहिए. साथी ट्रांसपोर्टर व्यापारियों का कहना है कि 50 से 70 लाख  रुपए देकर ट्रांसपोर्ट व्यापारी ट्रक खरीदता है. 12 साल चलाने की अनुमति दी जाती है. जिसे बढ़ाकर 20 साल करना चाहिए. ताकि हम इतने महंगे ट्रकों को चलाकर व्यापार कर सके, क्योंकि इतने महंगे वाहन खरीद कर इतने कम सालों में उसे कंडम घोषित कर देना..यह ट्रांसपोर्ट व्यापारियों के  साथ अन्याय है इस पर भी सरकार को विचार कर बजट में इसका भी प्रावधान करना चाहिए.


टैक्स में राहत की मांग
टैक्स में भी राहत की व्यापारियों ने सरकार से मांग की है. साथ ही व्यापारियों का कहना है कि डिजिटल लेनदेन करने वाले व्यापारियों को प्रोत्साहन राशि देनी चाहिए. साथी टैक्सेस में सरकार को सरलीकरण करना चाहिए. ताकि व्यापारी अपना व्यापार आसानी से कर सके. व्यापारियों का कहना है कि खुदरा व्यापार में नई नई योजनाएं सरकार को इस बजट में लानी चाहिए. जिससे कि छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिल सके. हालांकि चुनावी साल होने के चलते व्यापारियों और उद्योगपतियों को बजट से कई उम्मीदें हैं. हालांकि अब बजट पेश होने के बाद उद्योगपतियों और व्यापारियों को कितनी राहत मिलती है यह देखना होगा.


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