करण शर्मा, भोपाल: भारतीय जनता पार्टी की संस्थापक नेताओं में से एक राजमाता विजयाराजे सिंधिया की छोटी बहन सुषमा सिंह का सोमवार देर रात निधन हो गया. वह 87 वर्ष की थी और लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं. आज उनके महाराणा प्रताप नगर स्थित निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें शहर के लोगों के साथ ही भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए. उनके निधन पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, बीजेपी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया व उषा राजे सिंधिया ने फोन पर परिवारजन से शोक संवेदना व्यक्त की है.


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आपको बता दे कि सुषमा सिंह राजमाता के कहने पर राजनीति में आईं और जनता पार्टी के बैनर पर सन 1977 में शिवपुरी जिले के करैरा से विधानसभा चुनाव लड़ीं और 12 हजार मतों से विजयी होकर विधायक बनीं. ये उस दौर की बात है जब महिलाएं राजनीति में आने से कहीं न कहीं कतराती थीं. उस समय वह राजनीति के रण में उतर चुकी थी. उनकी सबसे खास बात यह रही कि वह सक्रिय राजनीति में रहीं जरूर पर उन्होंने पद व परिवारवाद की लालसा कभी नहीं की. उन्होंने अपने बेटों को राजनीति में आने के लिए भी कभी दबाव नहीं बनाया. इतना ही नहीं वह जनता पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष, एएमआई शिशु मंदिर की प्राचार्य भी रहीं. वे एक संगीतज्ञ और शिक्षाविद के तौर पर भी पहचानी जाती हैं.