आज देव उठनी एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु को खुश करने के लिए तरह- तरह के काम किए जाते हैं. एकादशी की ऐसी मान्यता है कि भगवान नींद से जागते हैं, इस दिन सूप या थाली बजाई जाती है, एस्ट्रोलॅाजर रुचिका अरोड़ा के मुताबिक जानिए क्यों बजाया जाता है सूप.
सूप
देव उठनी एकादशी पर सुबह- सुबह सूप या थाली बजाने की परंपरा है. इस परंपरा की क्या वजह है जानते हैं.
मांगलिक कार्य
हिंदू धर्म में मान्यता है कि चार माह देवता सोते हैं, इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होते, देवशयनी एकादशी से शुरू ये चतुर्मास देवउठनी एकादशी पर आकर संपन्न होता है.
डिजाइन
इस दिन पश्चिमी यूपी, एमपी और राजस्थान के इलाकों में चॉक और गेरू से पूजा स्थल के पास तरह-तरह के डिजाइन बनाए जाते हैं.
गीत गाकर
इसके अलावा उनके सामने थाली या सूप बजाकर और गीत गाकर देवताओं को जगाया जाता है
मनोकामना
थाली या सूप बजाकर देवों को जगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और मनोकामना पूरी होती है.
बिगड़े काम
इसके अलावा इस दिन तुलसी की पूजा करने का भी काफी ज्यादा महत्व है. तुलसी पूजा करने से कई बिगड़े काम बन सकते हैं.
यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से धार्मिक जानकारों की सलाह जरूर लें.