टूटे दिल वालों के लिए मरहम का काम करती है मनोज मुंतशिर की ये शायरियां, जानें

Abhinaw Tripathi
Nov 12, 2024

Manoj Muntashir Shayari

अक्सर देखा जाता है कि दिल टूटने के बाद लोग परेशान हो जाते हैं. ऐसे में वो कविताएं, शायरियां सुनना पसंद करते हैं, ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं मनोज मुंतशिर की शायरियों के बारे में जो आपके बेहद काम आ सकती है.

खींच

खींच ले जाती हैं मुझको तेरे ही घर की तरह, शहर की सारी सड़कें जैसे पागल हो गईं.

खंडहर

मैं खंडहर हो गया पर तुम न मेरी याद से निकले, तुम्हारे नाम के पत्थर मेरी बुनियाद से निकले.

जागा हुआ

कई रातों का मैं जागा हुआ था, ज़रा मौक़ा मिला तो सो गया हूँ, जो बाक़ी रह गए वो काम कर लूँ,मोहब्बत से तो फ़ारिग़ हो गया हूँ.

आ जाऊँगा

मैं अब भी इक आवाज़ पे आ जाऊँगा खिंच कर, ढूँढो कोई बहाना, बुलाओ तो किसी रोज, नौ आठ दो सौ पाँच और आख़िर में छह सौ सात,नम्बर वही है मेरा, मिलाओ तो किसी रोज़.

ये दुनिया

साफ दिखने लगेगी ये दुनिया, ऎनक आंखो से उतर जाएगी, किसी बच्चे को खेलते देखो, आंखो की रोशनी बढ़ जाएगी.

भर जाऊंगा

और बरसेगा तू मुझमें तो मैं भर जाऊंगा, इससे ज्यादा तुझे चाहूंगा तो मर जाऊंगा मेरी मिट्टी में मेरी आग में शामिल है तू, तू मेरे साथ ही जायेगी जिधर जाऊंगा.

जिंदगी

सवाल एक छोटा सा था जिसके पीछे ये पूरी जिंदगी बर्बाद कर ली, भुलाऊं किस तरह वो दोनों आंखें, किताबों की तरह जो याद कर ली.

तेरी याद

तू किसी की भी रहे, तेरी याद मेरी है. अमीर हूं मैं, कि ये जयदाद मेरी है.

VIEW ALL

Read Next Story