मध्य प्रदेश के सीहोर में 3 साल की बच्ची गिरने से अफरा- तफरी मची हुई है, इसे लेकर के प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है. इसके पहले भी एमपी में बोरबेल में गिरने से कई हादसे हुए हैं आइए जानते हैं.
Zee News Desk
Jun 07, 2023
आगर मालवा
साल 2015 में आगर मालवा जिले के निपानिया बैजनाथ गांव में बोरबेल में 3 साल का बच्चा गिर गया था. लेकिन यह बच्चा जिंदगी औऱ मौत की जंग हार गया था.
निवाड़ी
साल 2020 में मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में तीन साल का बच्चा बोरबेल में गिर गया था. लगभग 50 घंटे बाद निकाले जाने पर वो मृत घोषित कर दिया गया था.
छतरपुर
17 दिसंबर 2021 को छतरपुर में नौगांव थाना क्षेत्र के दोनी गांव में एक साल की बच्ची के करीब 15 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. 9 घंटे के ऑपरेशन के बाद उसे बचाया गया था.
दमोह
27 फरवरी 2022 में मध्यप्रदेश के दमोह जिले में बोरवेल में 3 साल का मासूम बच्चा प्रिंस गिरा था. जिसके बाद प्रिंस को बचाया नहीं जा सका था.
बैतूल हादसा
दिसंबर 2022 में बैतूल में 6 साल का तन्मय बोरवेल में गिरा था. 400 फीट गहरे बोरवेल में 39 फीट पर तन्मय फंसा था. 84 घंटे तक ऑपरेशन चलने के बाद तन्मय जिंदगी से जंग हार गया था.
उमरिया
24 फरवरी 2022 को 4 साल का बच्चा गौरव बोरवेल में गिर गया. वो 250 फीट गहरे गड्ढे में करीब 60 फीट में फंसा हुआ था. उसे बचाने के लिए तमाम प्रशासनिक संसाधन लगाए गए, लेकिन रेस्क्यू से पहले बच्चे की मौत हो गई.
छतरपुर
छतरपुर में साल 2023 में भी बोरबेल में बच्ची गिर गई थी. जिले के बिजावर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ललगुवां पाली 30 फिट नीचे गिरी बच्ची को रेस्क्यू करके सुरक्षित निकाला गया था.
विदिशा
इसी साल मार्च में विदिशा जिले के लटेरी गांव में बोरवेल में 7 साल का मासूम लोकेश गिरा था. 24 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम को नहीं बचाया जा सका था.
सीहोर
एमपी के सीहोर में 6 मई 2023 को एक 3 साल की मासूम बोरबेल में गिर गई. उसे बचाने के लिए कार्य किया जा रहा है.
जारी हुई थी गाइडलाइन
बोरवेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन भी जारी की है, इसमें कहा गया है कि नलकूप की खुदाई से पहले कलेक्टर/ग्राम पंचायत को लिखित सूचना देनी होगी खुदाई करने वाली सरकारी, अर्ध-सरकारी संस्था या ठेकेदार का पंजीयन होना चाहिए. नलकूप की खुदाई वाले स्थान पर साइन बोर्ड लगाया जाना चाहिए. इसके अलावा भी कई नियम शामिल हैं.