VIDEO: शपथ ग्रहण समारोह में जब शिवराज ने थामा कमलनाथ-सिंधिया का हाथ...
मंच पर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ पकड़कर उसे उठाते हुए दिखे. आमतौर पर राजनेता ऐसा एकता दिखाने के लिए करते हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में बेहद चौंकाने वाली घटना दिखी. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे. दिलचस्प बात यह है कि मंच पर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ पकड़कर उसे उठाते हुए दिखे. आमतौर पर राजनेता ऐसा एकता दिखाने के लिए करते हैं. माना जा रहा है कि शिवराज इस घटना के जरिए संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि विकास की यात्रा में वे सत्तापक्ष पर पूरा सहयोग करेंगे. मालूम हो कि इस बार का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ की अगुवाई में लड़ा गया था.
मालूम हो कि चुनाव परिणाम आने के बाद भी कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात हुई थी. पूर्व सीएम शिवराज ने फोन पर भी कमलनाथ को जीत की बधाई दी थी.
इससे पहले कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद रहे.
इनके अलावा तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी समारोह में शामिल हुए.
मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है. उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं.