रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए रमन सरकार के प्रयास जारी हैं. छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि 2022 तक प्रदेश को नक्सलवाद की समस्या का खात्मा कर दिया जाएगा. वहीं रमन सरकार के इस दावे को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी पुष्टि की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित राज्यों की समीक्षा करते हुए छत्तीसगढ़ के तीन जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है. साथ ही गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 44 जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किया है. 


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तीन जिले हुए सूची से बाहर
वहीं गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई सूची में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले को नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल किया गया है. गृह मंत्रालय द्वारा जिन जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किया गया है, उनमें सरगुजा, जसपुर और कोरिया शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में पहले 16 जिले नक्सल प्रभावित थे. वहीं तीन जिले हटने और एक नया जिला जुड़ने से प्रदेश में अब नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 14 हो गई है. छत्तीसगढ़ सरकार बहुत समय से इन जिलों को नक्सल मुक्त कहती रही है. इन जिलों में कई सालों से नक्सल मूवमेंट नहीं है. 


कांग्रेस ने उठाए सवाल
गृह मंत्रालय की सूची में प्रदेश के नए जुड़े जिले को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. आपको बता दें कि कबीरधाम जिला सीएम रमन सिंह का गृह जिला है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब सीएम रमन सिंह का गृह जिला ही नक्सलवाद की चपेट में आ गया है, तो सरकार 2022 तक नक्सलवाद को कैसे खत्म करेगी. भूपेश बघेल ने कहा है कि सीएम से उनका गृह जिला ही नहीं संभल रहा तो और अन्य जिलों का क्या हाल होगा. 


रमन सरकार द्वारा प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के लिए किए जा रहे प्रयासों की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की है. वहीं प्रदेश सरकार का मानना है कि राज्य के कई धुर नक्सल प्रभावित जिलों से नक्सल की समस्या खत्म हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हालिया छत्तीसगढ़ दौरे पर माओवाद के खात्मे के लिए फंड भी जारी किया था. 


गृह मंत्रालय की सूची के मुताबिक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले  
बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोंडागांव, कबीरधाम और बलरामपुर हैं. 


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां पिछले एक साल में सबसे ज्यादा नक्सल हमले हुए हैं. साथ ही जवानों की शहादत भी सबसे ज्यादा हुई है. नवम्बर 2017 तक के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में 318 नक्सली हमलों मे 120 जानें गई हैं.