Karva Chauth: पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं? जानें सही जवाब
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Karva Chauth: पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं? जानें सही जवाब

करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सेहत की कामना के लिए मनाती हैं. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चांद निकलने तक उपवास करती हैं. 

Karva Chauth: पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं? जानें सही जवाब

Karva chauth in periods: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सेहत की कामना के लिए मनाती हैं. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चांद निकलने तक उपवास करती हैं. हालांकि, इस पवित्र अवसर से जुड़े कई मिथक और मान्यताएं आज भी समाज में प्रचलित हैं. उनमें से एक है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए. कुछ लोग इसे सेहत और स्वच्छता के खिलाफ मानते हैं, जबकि अन्य इसे एक निजी पसंद के रूप में देखते हैं.

परंपरागत रूप से माना जाता है कि मासिक धर्म के दौरान उपवास रखना सही नहीं है. धार्मिक दृष्टिकोण से, पीरियड्स को अशुद्धता से जोड़ा गया है और महिलाओं को इस समय सेहत पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. कई हिंदू धर्मग्रंथों में भी इस दौरान उपवास से परहेज करने की सलाह दी गई है. इसका कारण यह है कि मासिक धर्म एक नेचुरल प्रक्रिया है और इसे रोकने के बजाय महिलाओं को आराम और पोषण की आवश्यकता होती है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या है सही?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पीरियड्स के दौरान उपवास रखना महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस समय शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे थकान, पेट दर्द, मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं. उपवास रखने से इन लक्षणों में वृद्धि हो सकती है और महिलाएं कमजोरी महसूस कर सकती हैं, जिससे उन्हें व्रत तोड़ने की नौबत आ सकती है.

पीरियड्स में व्रत रखने पर ध्यान देने योग्य बातें
अगर कोई महिला पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है, तो उसे कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और उपवास से पहले पौष्टिक आहार का सेवन करें ताकि दिनभर एनर्जी बनी रहे. इसके अलावा, समय-समय पर आराम करें और शरीर को थकने न दें. योग या ध्यान जैसे तरीकों से मन और शरीर को शांत रख सकती हैं.

अंत में, व्रत रखना या न रखना पूरी तरह से महिला की अपनी पसंद होनी चाहिए. महिलाएं अपनी सेहत और धार्मिक मूल्यों के आधार पर जो भी फैसला लें, वही सही है. चाहे व्रत रखें या न रखें, करवा चौथ का असली उद्देश्य प्रेम और समर्पण को मनाना है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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