नई दिल्ली: गोवा में सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का गोवा का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय हो गया है. इसके लिए वह रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देंगे. पर्रिकर ने गोवा के राज्यपाल से मुलाकात की और विधायकों के समर्थन से जुड़ा पत्र उन्हें सौंपा.


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गोवा में सत्ता बचाने के लिए बीजेपी को मजबूरन मनोहर पर्रिकर को केंद्र से राज्य में भेजना पड़ा है. प्रतिष्ठित अखबार 'दैनिक भास्कर' के मुताबिक पर्रिकर की जगह अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रक्षा मंत्री बन सकते हैं. पार्टी नेतृत्व इस विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहा है.


रविवार शाम को संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान दिल्ली में ही मौजूद चौहान से शीर्ष नेतृत्व ने रक्षा मंत्री बनाए जाने पर रुख भी पूछा था.हालांकि उन्होंने इसका कोई जबाब नहीं दिया था. भाजपा सूत्रों के मुताबिक पर्रिकर के बाद भी रक्षामंत्री का पद किसी कद्दावर और अनुभवी नेता को सौंपना चाहता है. शिवराज इस पैमाने पर पूरी तरह से फिट हैं.


 छोटे दल पर्रिकर के नाम पर अपना समर्थन देने पर सहमत 


गोवा वापसी का खुद पर्रिकर इशारा कर चुके थे, इलेक्शन रिजल्ट्स के बाद उन्होंने कहा कि जो पार्टी कहेगी उसे मैं मानूंगा.गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का समर्थन चाहिए.


भाजपा के पास 13 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए उसे 8 और विधायकों का समर्थन चाहिए. अन्य छोटे दल पर्रिकर के नाम पर अपना समर्थन देने पर सहमत हो गए हैं.


केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गोवा में किसी को बहुमत नहीं मला है. मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी समर्थन देने के लिए तैयार हो गए हैं. हमने विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है. अभी भाजपा के पास 21 विधायकों का समर्थन है.


साभार- ('दैनिक भास्कर')