जबलपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सुशासन के दावों के बीच भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर नकेल कसने का अभियान जारी है. ताजा मामले में आय से अधिक संपत्ति रखने के एक केस में जबलपुर (Jabalpur) लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा किया है. रेड मारने पहुंची टीम को कार्रवाई के दौरान इतनी गाड़िया मिलीं कि उन्हें पहले पहल यकीन ही नहीं हुआ कि आखिर एक पुलिस कॉन्सटेबल किस तरह इतनी काली कमाई कर सकता है.   


पुलिस महकमें में हड़कंप


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लोकायुक्त की ये कार्रवाई एमपी पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात सच्चिदानंद सिंह के घर हुई. लोकायुक्त की टीम ने आरोपी पुलिसकर्मी के घर और फार्म हाउस पर छापेमारी करते हुए करीब 4.39 करोड़ की प्रॉपर्टी और 14 गाड़ियां बरामद की हैं. आपको बता दें कि सच्चिदानंद सिंह, वर्तमान में तिलवारगट पुलिस स्टेशन में तैनात हैं. करोड़पति कांस्टेबल पर की गई इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है. 


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टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रेड डालने गए अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीम को छापे के दौरान 4.39 करोड़ रुपये की संपत्ति, फार्म हाउस, गाड़ियां, एग्रीकल्चर लैंड, ज्वैलरी, 14 गाड़ियां और अन्य जरूरी सामान भी मिला है.


इतनी बरामदगी


उप पुलिस अधीक्षक जेपी वर्मा की अगुवाई में 25 सदस्यीय टीम ने छापा मारा इस दौरान इतनी संपत्ति का खुलासा हुआ.
1. सोना आभूषण 24,50,000
2. चांदी आभूषण 46000
3.वाहन 14, कीमती 2 करोड़ 77 लाख 70 हजार रुपए
4.कृषि भूमि दस्तावेज 40,14000 रुपए
5.एक मकान निर्माण लागत जनकपुरी 40,00,000 रुपए
6.फार्महाउस निर्माण ग्राम थाना तहसील बरगी निर्माण लागत 33 लाख रुपए
7.घरेलू सामान कीमती 23 लाख 8 हजार 600 रुपए
8. नगद राशि 68,000 रुपए


लोकायुक्त टीम के मुताबिक कुल कीमत 04 करोड़ 39 लाख 56 हजार 600 रुपए की संपत्ति प्रकाश में आई है. वहीं इस मामले में आगे की विवेचना यानी कार्रवाई अभी जारी है.


रिश्वतखोरों के हौसले बुलंद


मध्य प्रदेश में लगातार कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरों के हौसले बुलंद है, इससे पहले सूबे में लगातार करप्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. कुछ समय पहले दमोह में लोकायुक्त की टीम ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हांथो गिरफ्तार किया था. तब एक सीएमओ प्रकाश चंद पाठक और उनका एकाउंटेंट जितेंद्र श्रीवास्तव, लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा था.  


खाकी पर उठते रहे हैं सवाल


पुलिस (Police) किसी भी राज्य की हो इस महकमें में करप्शन के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. अभी करीब दो महीने पहले बिहार पुलिस के एक कॉन्सटेबल के करोड़पति होने का इनपुट मिलने के बाद जब आर्थिक अनुसंधान शाखा (EOU) की टीम ने रेड डाली तो वहां मौजूद अफसर भी दंग रह गए. तब पुलिस (Police) मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष कॉन्सटेबल नरेंद्र कुमार धीरज के 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी.