नई दिल्ली/चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एक सख्त संदेश देते हुए कहा, उसे अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनानी चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही के  लिए तैयार रहना चाहिए. इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की डिवीजन बैंच ने कहा, ये वीआईपी और जजों के लिए बहुत शर्म की बात है कि वह टोल प्लाजा पर वेट करें और अपने आईडेंटिटी कार्ड दिखाएं.


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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी कि इस आदेश को उसके सभी टोल प्लाजा लागू करें. हाईकोर्ट बैंच ने केंद्र और एनएचएआई से कहा कि वह इस मामले में सर्कुलर जारी करें. बैंच ने साफ कर दिया कि उसका ये आदेश पूरे देश में लागू किया जाए.


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जज ने कहा, एक सर्कुलर प्रत्येक टोल कलेक्टर के लिए जारी किया जा सकता है. इसमें उन्हें इस तरह की वीआईपी लेन तैयार करने के  लिए कहा जाए. ये टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें. जो भी इस नियम का उल्लंघन करे, टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.


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डिवीजन बैंच ने कहा, अलग लेन न होने से हर टोल प्लाजा पर सिटिंग जज और VIPs को बिना किसी कारण के शर्मिंदगी उठानी पड़ती रहेगी.  ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि टोल प्लाजा पर सिटिंग जज को 10 से 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है. इस बात को न तो केंद्र सरकार और न ही एनएचएआई गंभीरता से ले रही है.