Maharashtra Chunav:`सभी पार्टियों में बड़ी संख्या में बगावत, मनाना टेढ़ी खीर`, महाराष्ट्र चुनाव में फडणवीस ने मानी महायुति की मुश्किल
Maharashtra Assembly Election 2024 News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सभी सियासी दलों के लिए बागी उम्मीदवार बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार बागी उम्मीदवारों की परेशानी को स्वीकार करते हुए कहा कि सभी पार्टियों में बागी उम्मीदवारों की बड़ी संख्या है. हमारा प्रयास उन्हें (चुनाव से) हटने के लिए राजी करना होगा.
Devendra Fadnavis On Rebel Candidates: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव में बागी उम्मीदवारों की समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि सभी पार्टियों में इनकी बड़ी संख्या है. उन्होंने मुंबई में मीडिया के सामने कहा, “हमारा प्रयास उन्हें (चुनाव से) हटने के लिए मनाना होगा. यह बड़ा टास्क है.”
बगावत रोकने में क्यों कारगर नहीं हो पाई महायुति समन्वय समिति?
जब महायुति समन्वय समिति (एमसीसी) की घोषणा की गई थी, तब घोषणा की गई थी कि वह तीनों पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र में इसी तरह की समितियां गठित करेगी. ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिल रहे हैं, उन्हें बागी न होने के लिए राजी किया जा सके. हालांकि, ऐसा लगता है कि ऐसी महायुति समन्वय समितियां कारगर नहीं रही हैं.
मुंबई में भाजपा की सबसे बड़ी बगावत, मनाने में जुटे पार्टी के दिग्गज
सबसे बड़ी बगावत मुंबई में सामने आई है, जहां भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने पार्टी के भीतर स्थानीय बनाम बाहरी लोगों का मुद्दा उठाया है. शेट्टी ने कंफर्म किया है कि वह निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, पार्टी पदाधिकारियों को भरोसा है कि वे उन्हें चुनाव से हटने के लिए राजी कर लेंगे.
भाजपा यह सुनिश्चित करने में सफल रही कि दक्षिण मुंबई के पूर्व विधायक राज पुरोहित और अतुल शाह निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल न करें. वहीं, कोथरुड में, यह पता चला है कि भाजपा के बागी उम्मीदवार अमोल बलवडकर ने अपने साले पर आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी के बाद भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार चंद्रकांत पाटिल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.
क्या महाराष्ट्र चुनाव जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है भाजपा?
मुंबई विश्वविद्यालय में नागरिक शास्त्र और राजनीति विभाग के रिसर्चर संजय पाटिल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा कमजोर दिख रही है और विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त नहीं है. उन्होंने कहा, “2014 में, भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 2019 में, शिवसेना के साथ गठबंधन के बावजूद भाजपा की सीटें 122 से घटकर 105 हो गईं. यह अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ समझौता बनाए रखने में भी विफल रही. पिछले पांच सालों से, भाजपा राज्य में अपना सीएम नहीं बना पाई.”
हरियाणा के बेहतर नतीजे के बावजूद महाराष्ट्र भाजपा नेताओं में विद्रोह
हरियाणा चुनाव के नतीजों ने हालांकि, महाराष्ट्र में भाजपा को उत्साहित किया, लेकिन पर्यवेक्षकों ने कहा कि जब तक भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को यह विश्वास नहीं दिला पाती कि मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा, वे कड़ी मेहनत करने के लिए इच्छुक नहीं होंगे. महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषक अजय वैद्य ने कहा, “चुनावी योग्यता ही चुनावों को आगे बढ़ाने का एकमात्र बिंदु है. नेताओं में विचारधारा का पूर्ण अभाव है और इसलिए बड़ी संख्या में विद्रोही हैं."
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति में कैसे हुआ सीटों का बंटवारा?
भाजपा की अगुआई वाली महायुति में सीटों के समझौते के मुताबिक भाजपा ने चार सूचियों में कुल 148 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है. इनमें पहली सूची में 99, दूसरी में 22, तीसरी में 25 और चौथी में दो नाम शामिल थे. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 80 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है. पहली सूची में 45, दूसरी में 20, तीसरी में 13 और दो और नाम शामिल हैं. वहीं, अजित पवार की एनसीपी ने 53 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है.
इसके अलावा, महायुति के बाकी सहयोगी दलों को भाजपा और शिवसेना के चुनाव चिह्न पर छह सीटें आवंटित की गई हैं. भाजपा ने चार और शिवसेना ने दो सीटें इन पार्टियों को दी है. इसके बाद ही भाजपा, एनसीपी अजित पवार गुट और शिवसेना शिंदे गुट की अंदरुनी और आपसी बगावत भी सामने आने लगी.
महा विकास अघाड़ी के मुकाबले महायुति में ज्यादा बागी उम्मीदवार
नामांकन दाखिल करने की समय सीमा खत्म होने के बाद महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए करीब आठ हजार उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं. महा विकास अघाड़ी और महायुति के करीब 150 नेताओं ने बागी के रूप में अपना पर्चा भरा है. उनमें करीब 80 महायुति से हैं. नवाब मलिक, शाइना एनसी, समीर भुजबल, नरहरि झिरवाल, सदा स्वर्णकार वगैरह कई दिग्गजों के सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई.
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महाराष्ट्र चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर
महाराष्ट्र चुनाव 2024 के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर है. कुल 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा. वहीं, 23 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजों की घोषणा की जाएगी. महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव में भी एक ही चरण में वोट डाले गए थे. महाराष्ट्र में कुल 9.63 करोड़ मतदाताओं के लिए कुल 1,00186 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है.