Nawab Malik News: अभी तक महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग बिना किसी खटपट के हुई. हर मुद्दे पर बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी एनसीपी एकमत होते दिखी, लेकिन चुनाव नामांकन के आखिरी दिन अजित पवार की पार्टी ने कुछ ऐसा किया, जिससे बीजेपी राज्य की सियासत में नया बखेड़ा शुरू हो गया है. 


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सबसे पहले जानें क्या है मामला?
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया. भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ बयान दिया था, जिसके कुछ दिनों बाद मलिक ने नामांकन दाखिल कर दिया. 


नवाब के टिकट का बीजेपी चीफ का विरोध
शेलार ने कहा था, “हम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी भी व्यक्ति को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे.” उन्होंने कहा था, “हम नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा रुख अलग होगा.” बीजेपी नेता आशीष शेलार से लेकर पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने भी अजित पवार को यह संकेत दे दिया था कि वे नवाब मलिक को टिकट न दें. इतना ही नहीं, नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को जब अणुशक्ति नगर से टिकट मिला था, तो उस दौरान ही, कथित तौर पर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने यह कह दिया था कि वे सना मलिक के समर्थन में कोई भी प्रचार नहीं करेंगे.


एनसीपी ने क्यों दिया नवाब को टिकट?
मलिक ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा, “मैंने तय किया था कि अगर मुझे अपनी पार्टी से नामांकन पत्र नहीं मिला तो मैं निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ूंगा. लेकिन आखिरी मौके पर एनसीपी ने नवाब मलिक को  मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट से टिकट दे दिया. इसके पीछे कई वजह है जैसे अजित पवार मुस्लिम वोटों को अपने पाले में चाहते हैं और दूसरा नवाब मलिक उनकी पार्टी के शीर्ष पांच नेताओं में से एक हैं. मलिक मुस्लिम समुदाय में एक प्रमुख चेहरा हैं और उनका समर्थन खोने से पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी नुकसान हुआ था.


कौन हैं नवाब मलिक?
नवाब मलिक महाविकास आघाडी सरकार में मंत्री थे लेकिन 2022 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाऊद और उसके साथियों छोटा शकील व टाइगर मेमन के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. मलिक को इस साल जुलाई में चिकित्सक आधार पर जमानत दी गई थी. राकांपा में विभाजन के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार नीत गुट ने सहयोगी भाजपा की आपत्तियों के बावजूद मलिक को अपने पाले में ले लिया था.


निर्दलीय लड़ने वाले थे नवाब
बीजेपी शुरू से ही नवाब मलिक के टिकट का विरोध कर रही थी, इसके बाद नवाब ने कहा था कि महायुति सहयोगी भाजपा के दबाव के कारण राकांपा द्वारा टिकट से इनकार किए जाने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी वह चुनाव लड़ेंगे. मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्होंने बकायदा मंगलवार को नामांकन भी करने आए थे, लेकिन आखिरी मौके पर अजीत पवार ने मलिक को आधिकारिक तौर पर एनसीपी का उम्मीदवार घोषित कर दिया. 


अब महाराष्ट्र में महायुति में होगी खटपट?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक को लेकर अब महायुति में खटपट होने लगी है. अजित पवार के दांव से भाजपा और शिंदे गुट वाली शिवसेना असहज नजर आ रही है. भाजपा तो खुलकर कह चुकी है कि वह नवाब मलिक का किसी भी कीमत पर न तो समर्थन करेगी और न प्रचार. भाजपा शुरू से नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध करती रही है. मगर अजित पवार ने भाजपा की नाराजगी को दरकिनार कर दिया. ऐन वक्त पर अजित पवार की एनसीपी ने मानखुर्द-शिवाजी नगर सीट से नवाब मलिक को चुनावी मैदान में उतार दिया. टिकट मिलने के बाद अब नवाब मलिक ने भाजपा के खिलाफ हुंकार भरी है. उन्होंने साफ कह दिया है कि भाजपा उन्हें सपोर्ट करे या न करे, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.


एनसीपी अजित गुट ने दिया धोखा?
नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर से उम्मीदवार बनाए जाने पर एनसीपी अजीत गुट पर बीजेपी भड़क गई है. सीनियर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने बुधवार को कहा कि नवाब मलिक आतंकवादी हैं और उन्होंने देश को तोड़ने की कोशिश की है. सोमैया ने कहा कि नवाब मलिक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का एजेंट हैं और अजीत पवार की एनसीपी ने नवाब मलिक को टिकट देकर देश को धोखा दिया है. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी इसका विरोध जताया है.


महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं. सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थी.