Maharashtra Politics: राज्यपाल को प्लेन से उतारे जाने पर उद्धव सरकार ने कही अब ये बात
Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकारी विमान से यात्रा के लिए राज्यपाल के संबंधित अधिकारी आवेदन करते हैं और समय रहते उन्हें बता दिया जाता है कि परमिशन दी गई है या नहीं.
मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को सरकारी विमान से देहरादून जाने की परमिशन नहीं दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. मामला इतना बढ़ गया है कि उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray's Government) को इसे लेकर सफाई देनी पड़ी है. सरकार ने बयान जारी कर कहा कि इस मामले में चूक राजभवन के संबंधित अधिकारी की तरफ से हुई है. अधिकारी ने राज्यपाल महोदय को वक्त रहते इसकी सूचना नहीं दी. मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकारी विमान से यात्रा के लिए राज्यपाल के संबंधित अधिकारी आवेदन करते हैं और समय रहते उन्हें बता दिया जाता है कि परमिशन दी गई है या नहीं.
सरकार ने अधिकारी पर फोड़ा ठीकरा
बयान में कहा गया है कि राज्यपाल के देहरादून जाने को लेकर भी समय रहते राजभवन को सूचित किया गया था कि राज्य सरकार ने सरकारी विमान से जाने की परमिशन नहीं दी है. लेकिन राजभवन के संबंधित अधिकारी ने ये जानकारी आगे राज्यपाल महोदय को नहीं दी जिसकी वजह से उन्हें एयरपोर्ट पर परेशानी हुई. मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले में दोषी राजभवन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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राज्यपाल को नहीं दी सरकारी जहाज
गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को मसूरी में आईएएस अकैडमी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना था. प्रोटोकॉल के तहत इसके लिए उन्हें सरकारी जहाज से जाना था. लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से इजाजत न मिलने के कारण राज्यपाल कोश्यारी को फ्लाइट में बैठने के बाद नीचे उतरना पड़ा. इसके बाद उन्होंने स्पाइसजेट की 12:30 बजे की फ्लाइट में सीट बुक कराई.
BJP ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई, ये एक निदंनीय घटना है. फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है और उसका आदर होना चाहिए. फडणवीस ने कहा कि व्यक्ति आता जाता है लेकिन संस्था का सम्मान होना चाहिए.
पालघर मामले के बाद से जारी है तनाव
बता दें, महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच पालघर साधुओं की हत्या के बाद से ही तनाव जारी है. राज्यपाल कोश्यारी की सक्रियता से शिवसेना (Shiv Sena) ने उस समय भी नाराजगी जाहिर की थी. बाद में यह तल्खी तब और बढ़ गई जब राज्यपाल और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच कोरोना के चलते बंद मंदिरों को खोलने पर टकराव हुआ. कोश्यारी ने उद्धव को हिंदुत्व भुलाने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था. इस पत्र को लेकर शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की थी.
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