Rahul Gandhi ने Lok Sabha में कहा, 'यह किसानों का आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है. किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है. एक आवाज से पूरा देश 'हम दो हमारे दो' की सरकार के खिलाफ उठने जा रहा है. किसान एक इंच पीछे नहीं हटने वाला, किसान आपको हटा देगा. आपको कानून वापस लेना ही होगा.
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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज लोक सभा (Lok Sabha) की मर्यादा तोड़ी. इससे स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए और राहुल गांधी से कहा कि उनकी अनुमति के बिना ऐसा नहीं होना चाहिए. दरअसल राहुल गांधी ने नियमों को तोड़ते हुए संसद में मृतक किसानों के लिए 2 मिनट का मौन रखवाया. इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा करना नियमों को उल्लंघन है. अगर राहुल गांधी मौन रखवाना चाहते थे तो पहले उनसे अनुमति लेनी चाहिए थी.
इससे पहले राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को किसानों के लिए बेरोजगारी, भूख और आत्महत्या का ऑप्शन बताया. उन्होंने कहा, 'पहले कृषि कानून के कंटेंट में मंडियों को खत्म करने का प्रावधान है. जबकि दूसरे कृषि कानून के कंटेंट का मकसद जमाखोरी को बढ़ावा देना है. वहीं तीसरे कृषि कानून के कंटेंट में है कि जब एक किसान हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों के सामने जाकर सब्जी-अनाज के लिए सही दाम मांगेंगे तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा. राहुल ने कहा कि सरकार की जो नीतियां हैं, उनसे देश के किसान के साथ-साथ गरीब और मिडिल क्लास भी बर्बाद हो जाएगा.'
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अपने भाषण में राहुल ने आगे कहा, 'किसी जमाने में परिवार के नियोजन का विज्ञापन आता था, जिसमें 'हम दो हमारे दो' लिखा होता था. अब उसी तर्ज पर अब देश चल रहा है, हम दो और हमारे दो. कृषि कानूनों के जरिए सरकार दो लोगों की जेब में देश के किसान का पैसा डालना चाहती है.' राहुल गांधी ने बताया कि दो मित्रों में एक मित्र को अनाज, फल और सब्जी खरीदने का अधिकार होगा. इससे नुकसान ठेले वालों का होगा. छोटे व्यापारियों का होगा. मंडी में काम करने वाले लोगों का होगा. जबकि दूसरे मित्र को पूरे देश में अनाज, फल और सब्जी को स्टोर करना है.
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