मुंबई नहीं जाएंगे कांग्रेस नेता, पवार से 2 दिन बाद मिलेंगे, राष्ट्रपति शासन के आसार
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा, ``कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज मुंबई नहीं आएंगे. अब कांग्रेस नेताओं की एनसीपी मुखिया शरद पवार के साथ मुलाकात दो दिन बाद संभव है.``
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2019) शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर मंथन के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता शरद पवार से मिलने के लिए मुंबई जाने वाले थे लेकिन इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा, ''कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज मुंबई नहीं आएंगे. अब कांग्रेस नेताओं की एनसीपी मुखिया शरद पवार के साथ मुलाकात दो दिन बाद संभव है.''
एनसीपी के वरिष्ठ अजित पवार ने भी कहा, ''एनसीपी देरी नहीं कर रही है. कांग्रेस दो दिन का समय मांग रही है. कांग्रेस ने भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है.'' उन्होंने ये भी कहा कि कल शाम साढ़े सात बजे तक हमको कांग्रेस के समर्थन की चिट्ठी नहीं मिली.
गवर्नर ने सरकार गठन के लिए बीजेपी, शिवसेना के बाद आज शाम साढ़े आठ बजे तक का वक्त एनसीपी को दिया है. लेकिन बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर सूत्रों के मुताबिक ऐसा लगता है कि एनसीपी को सरकार गठन संबंधी दावे के लिए कांग्रेस का समर्थन पत्र मिलना मुश्किल है. इस कारण यदि कांग्रेस से समर्थन पत्र नहीं मिलता है तो एनसीपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी.
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एनसीपी की समयसीमा खत्म होने के बाद सरकार गठन के लिए राज्यपाल कांग्रेस को बुधवार रात साढ़े आठ बजे तक का वक्त दे सकते हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी.
इन वजहों से बदलते घटनाक्रम को देखकर लगता है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गवर्नर के दिए वक्त को देखते हुए कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के बीच बात नहीं बन पा रही है.
सरकार बनाने के लिए एनसीपी को आमंत्रित किया
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी ने सोमवार देर शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने मीडियाकर्मियों से कहा था, "राज्यपाल ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है और संकेत है कि एक आमंत्रण पत्र हमें दिया जाएगा. कल हम अगली सरकार बनाने के तौर-तरीकों पर कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे."
इसके पहले राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल ने उन्हें रात 8.30 बजे बुलाया और वह आधा दर्जन अन्य नेताओं के साथ उनसे मिलने के लिए राजभवन जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि उन्होंने क्यों बुलाया है.
मलिक ने कहा कि 24 घंटे की छोटी अवधि के कारण कांग्रेस-राकांपा सरकार बनाने के लिए जरूरी चीजों का बंदोबस्त नहीं कर सकीं, जिससे शिवसेना अपने दावे को अंतिम रूप दे पाती. उन्होंने कहा, "राज्यपाल को हस्ताक्षर, नाम, विधानसभा सीटों के नाम और समर्थन करने वाले सभी विधायकों की संख्या के साथ पत्र चाहिए था, जो इतने कम समय में संभव नहीं था. सेना ने अतिरिक्त समय मांगा, लेकिन राज्यपाल ने समय देने से इंकार कर दिया."
इसके पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया था. और सोमवार को शिवसेना कांग्रेस और राकांपा के समर्थन के पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकी, यद्यपि उसने दोनों दलों से सैद्धांतिक रूप से समर्थन प्राप्त होने का दावा किया. उसके बाद अब राकांपा को मौका दिया गया है.
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