Sushant Suicide Case: SC के फैसले के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने बुलाई आपात बैठक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत को लेकर दुर्घटना के पहलू तक जांच की जबकि बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. बिहार सरकार को CBI जांच की सिफारिश करने का अधिकार था.
मुंबई: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की रहस्यमयी मौत के मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने का फैसला किया है. इस फैसले के तुरंत बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंत्रालय के अधिकरियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में शामिल होने के लिए गृह सचिव और प्रिंसिपल सेक्रेटरी पहुंच चुके हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के दावे को खारिज कर दिया और निर्देश देते हुए कहा कि मुंबई पुलिस सारे सबूत सीबीआई को आगे की जांच के लिए सौंप दे. सुशांत केस की जांच के लिए CBI द्वारा बनाई गई SIT टीम अब जल्द ही मुंबई पुलिस के नोडल अधिकारी (डीसीपी क्रॉइम ब्रांच ऑफिसर) से मिलेगी और इस केस से जुड़ी सारी जानकारी जैसे दस्तावेज, स्टेटमेंट्स, फॉरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मोबाइल फॉरेंसिक रिपोर्ट, बैंक एकाउंट्स फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ले लेगी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था. पटना में दर्ज हुई एफआईआर सही थी. बिहार पुलिस को भी मामले की जांच करने का अधिकार था. मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को लेकर दुर्घटना के पहलू तक जांच की जबकि बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. बिहार सरकार को CBI जांच की सिफारिश करने का अधिकार था.
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आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को सुशांत के मामले की जांच को सौंपे जाने का विरोध कर रही थी. महाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि मुंबई पुलिस ही मामले की जांच करे क्योंकि वो इस मामले में 56 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है.
उद्धव सरकार की तरफ से ये भी कहा गया था कि सुशांत की मौत का मामला मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र का है क्योंकि घटना मुंबई में हुई और पीड़ित, आरोपी व गवाह सभी मुंबई के हैं.