Maharashtra political crisis: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं. शिवसेना से बगावत करने ठाकरे सरकार के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पार्टी के 33 विधायकों और 7 निर्दलीय विधायकों को लेकर गुजरात से गुवाहाटी पहुंच गए हैं. उन्हें एक स्पेशल फ्लाइट के जरिए बुधवार सुबह गुवाहाटी लाया गया. माना जा रहा है कि बीजेपी के शीर्ष नेता और असम सरकार शिवसेना के बागी विधायकों के ठहरने की व्यवस्था के पीछे हैं. 


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'BJP के साथ फिर से कर लें गठबंधन'


वहीं शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि पार्टी के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मंगलवार को फोन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हुई बातचीत में आग्रह किया कि वे फिर से भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर लें. उक्त नेता ने बताया कि उद्धव ठाकरे ने अपने विश्वस्त मिलिंद नारवेकर और शिंदे के साथी रवींद्र फाटक को उनसे बात करने के लिए गुजरात के सूरत में भेजा था. इसके बाद शिंदे ने उद्धव ठाकरे को कॉल करके बीजेपी से गठबंधन की मांग रखी. इस मांग पर ठाकरे ने क्या जवाब दिया, यह क्लियर नहीं है. 


'हम बालासाहेब के सैनिक हैं'


एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने ट्वीट करके कहा, 'हम बालासाहेब के शिव सैनिक हैं. बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व के बारे में सिखाया था. हम सत्ता के लिए कभी बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहेब की शिक्षाओं के साथ धोखा नहीं कर सकते.' एकनाथ शिंदे ने ट्विटर पर अपने प्रोफाइल में से शिवसेना शब्द को हटा दिया है. शिंदे उद्धव ठाकरे सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं. उनके बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं.


बीजेपी भी महाराष्ट्र में हुई सक्रिय


महाराष्ट्र (Maharashtra) में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच बीजेपी भी सक्रिय हो गई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि तकनीकी रूप से उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आ चुकी है. फिर भी बीजेपी अभी देखो और इंतजार करो की भूमिका में रहेगी. उन्होंने स्पष्ट किया का राज्य में नई सरकार बनाने के लिए अभी बीजेपी या एकनाथ शिंदे की ओर से कोई दावा पेश नहीं किया गया है. 


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वर्ष 2019 में बीजेपी-शिवसेना में टूट गया था गठबंधन


बताते चलें कि बीजेपी और शिवसेना वर्ष 2019 तक गठबंधन सहयोगी के रूप में महाराष्ट्र में सारे चुनाव लड़ते रहे थे. लेकिन वर्ष 2019 में सीएम पद के मुद्दे पर शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया. इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन बनाकर अपनी सरकार बना ली. इस सरकार का मुखिया उद्धव ठाकरे को बनाया गया. जबकि सहयोगी पार्टियों को सदस्य संख्या के हिसाब से मंत्री पद बांटे गए. 


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