Shivsena Congress: उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट ने वी डी सावरकर से जुड़े हालिया विवादों को लेकर बुधवार को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि दोनों ने स्वतंत्रता सेनानी को बहुत ही तुच्छ बना दिया है. शिवसेना ने कहा कि सावरकर ने अपने जीवन में जिस राजनीतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, आर्थिक विचारधारा का सम्मान किया, जिसे उन्होंने तर्क के साथ प्रस्तुत किया और प्रत्यक्ष रूप से उसे आचरण में उतारा, भाजपा और कांग्रेस दोनों को उन विचारों का अध्ययन करना चाहिए.


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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान पिछले सप्ताह दावा किया कि सावरकर को ब्रिटिश सरकार से मानदेय मिलता था और उन्होंने इसे ऐतिहासिक तथ्य बताया. गांधी के इस बयान पर तीखी प्रतक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि गांधी को भारत और उनकी पार्टी का इतिहास पता नहीं है. फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा था और सवाल किया था कि क्या शिवसेना के नेता सावरकर के खिलाफ ऐसे बयान का समर्थन करते हैं.


'कांग्रेस ने वीर सावरकर को झुनझुना बना दिया'


पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, कांग्रेस ने वीर सावरकर को झुनझुना बना दिया तो भारतीय जनता पार्टी ने स्वातंत्र्यवीर को खिलौना बना दिया है. हिन्दुत्ववादी विचारक सावरकर आधुनिक भारत के इतिहास में ऐसा व्यक्तित्व हैं जिनका सबसे अधिक ध्रुवीकरण किया गया. भाजपा तथा शिवसेना दोनों ही उनका सम्मान करती हैं. 


सामना ने कहा, सावरकर ने अपने जीवन में जिस राजनीतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, आर्थिक विचारधारा का सम्मान किया, जिसे उन्होंने चिकित्सकीय पद्धति से तर्क के साथ प्रस्तुत किया और प्रत्यक्ष रूप से उसे आचरण में उतारा, उन विचारों का अध्ययन सबसे पहले भाजपा और बाद में कांग्रेस को करना चाहिए.  उसने आरोप लगाया कि सावरकर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की बात आते ही भाजपा मुंह छुपा लेती है.


संपादकीय में लिखा है, सावरकर का मान-सम्मान बना रहे इसलिए दिल्ली की मोदी सरकार ने क्या किया? पिछले आठ वर्षों से शिवसेना वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग कर रही है. सावरकर के विचारों वाली सरकार (भाजपा नीत) आई है, ऐसा कहते हैं, सावरकर का अपमान सहन नहीं करेंगे ऐसा बोलते हैं, लेकिन ‘भारत रत्न’ देने की मांग होते ही मुंह छुपा लेते हैं. 


शिवसेना ने यह भी सवाल किया कि हाल ही में राजपथ का नामांतरण ‘कर्तव्यपथ’ किया गया और उसका भव्य समारोह संपन्न हुआ, लेकिन उसके बदले में ‘वीर सावरकर कर्तव्यपथ’ ऐसा नाम क्यों नहीं दिया गया?


शिवसेना ने कहा, राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर लगाया गया ऐसा आरोप आश्चर्यजनक है लेकिन नया नहीं. अंडमान में लंबे काला पानी के कारावास के बाद वीर सावरकर अंग्रेजों से माफी मांगकर छूटे, ऐसा ‘झुनझुना’ कांग्रेसी कई वर्षों से बजा रहे हैं. 


संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है, कांग्रेसियों की स्वतंत्रता संघर्ष के क्रांतिकारियों के बारे में अलग भूमिका हो सकती है, लेकिन सशस्त्र क्रांति का विद्रोह वीर सावरकर जैसे कई योद्धाओं द्वारा किए जाने के बाद अंग्रेजों के पांव के नीचे की जमीन खिसक गई. केवल अहिंसा की वजह से स्वतंत्रता नहीं मिली, यह इतिहास कांग्रेस की नई पीढ़ी को समझ लेना चाहिए. 


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