आर्किटेक्ट ने सेंट्रल विस्टा को कहा `हिंदू तालिबान` सोच, महेश जेठमलानी ने खोली पोल
ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन में अनीश कपूर का एक लेख छपा था. इस लेख में सेंट्रल विस्टा (Central Vista) को बनाने के मोदी सरकार के फैसले की तुलना `हिंदू तालिबान` से की गई है.
नई दिल्ली: पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के बेटे, जाने-माने वकील और हाल में राज्य सभा के लिए मनोनीत हुए महेश जेठमलानी (Mahesh jethmalani) ने हाल में ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन में सेंट्रल विस्टा को 'हिंदू तालिबान सोच' बताने वाले आर्किटेक्ट अनीश कपूर को करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेंट्रल विस्टा पर अनीश कपूर के लेख पर जेठमलानी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उनकी पोल खोलने वाले लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं.
'जहर उगलने वाले अनीश कपूर..'
महेश जेठमलानी (Mahesh jethmalani) ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेंट्रल विस्टा के खिलाफ अपने लेख में जहर उगलने वाले अनीश कपूर से जुड़े कुछ तथ्य अपने आप उनके बारे में सब कुछ बयान करते हैं. पहला, अनीश ने ब्रिटेन की नागरिकता पाने के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ दी. दूसरा, 2012 में कांग्रेस सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया.'
जब चीन के कालाकार से दिखाई एकजुटता
जेठमलानी ने एक और ट्वीट में लिखा, 'तीसरी बात यह है कि 2016 में उन्होंने लंदन में उत्पीड़ित चीन के संतुष्ट कलाकार एई वेई वेई के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हाथ में हाथ डालकर मार्च किया. साथ ही चीन में यानचुन बिएननेल से अपने काम को वापस लेने का वादा किया. हालांकि, अपने सार्वजनिक रुख के बावजूद वेई वेई को धोखा दिया और अपने काम को प्रदर्शित होने दिया.
क्या है मामला
दरअसल, हाल में ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन में अनीश कपूर का एक लेख छपा था. इस लेख में सेंट्रल विस्टा को बनाने के मोदी सरकार के फैसले की तुलना 'हिंदू तालिबान' से की गई है. अनीश ने लेख में दावा किया है कि भारत की वर्तमान संसद इस्लामिक-मुगल और ईरानी स्टाइल में बनी हुई है. यही कारण है कि मोदी सरकार इस बिल्डिंग को खत्म कर नई बिल्डिंग बनाना चाहती है.
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कौन हैं महेश जेठमलानी?
महेश जेठमलानी पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के बेटे और देश के जाने-माने वकील हैं. उन्हें सांसद रघुनाथ महापात्रा के निधन से खाली हुई सीट के लिए नामित किया गया है. बतौर राज्य सभा सांसद उनका कार्यकाल मई 2024 तक रहेगा. महेश जेठमलानी की गिनती देश के प्रमुख वकीलों में होती है. पिछले वर्ष भी मनोनयन कोटे से उनके राज्य सभा जाने की चर्चा थी, हालांकि तब जस्टिस गोगोई को मनोनीत किया गया था.
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