Mainpuri Bypolls: BSP की गैरमौजूदगी में अखिलेश यादव ने बनाया `गेम प्लान`, जीत के लिए इन वोटर्स पर है पूरा फोकस
Mainpuri By-Election: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए गेम प्लान बनाया है और उनका पूरा फोकस दलित मतदाताओं पर है, जो बसपा और कांग्रेस की गैरमौजूदगी में निर्णायक भूमिका में होंगे.
Dalit Voters hold key in Mainpuri: मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Mainpuri Lok Sabha By-Election) में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. इस वजह से समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का सीधा मुकाबला है. बसपा और कांग्रेस के चुनाव मैदान में ना होने की वजह से चुनाव में दलित वोटर्स (Dalit Voters) निर्णायक भूमिका में होंगे और यही वजह है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का पूरा फोकस दलित मतदाताओं पर है.
दलित वोटर्स के लिए अखिलेश का 'गेम प्लान'
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri Lok Sabha By-Election) के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) दलित वोटर्स को साधने में लग गए हैं. इसके लिए उन्होंने करहल विधानसभा क्षेत्र में एक दलित महिला राजकुमारी रावल के हाथों सपा कार्यलय का उद्घाटन कराया है. राजकुमारी अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आती हैं और माना जा रहा है कि अखिलेश ने दलित वोटर्स को लुभाने के लिए यह 'गेम प्लान' बनाया है.
सपा के खिलाफ 2 बार चुनाव लड़ चुकी हैं राजकुमारी
सपा कार्यालय का उद्घाटन करने वाली राजकुमारी रावल (Rajkumari Rawal) इलाके में काफी एक्टिव हैं और समाजवादी पार्टी (SP) के खिलाफ 2 बार चुनाव लड़ चुकी हैं. राजकुमारी ने करहल नगर पंचायत के निकाय चुनाव में चेयरमैन पद के लिए सपा उम्मीदवार के खिलाफ उतरी थीं, लेकिन उन्हें एक बार भी जीत नहीं मिल सकी. हालांकि, उनकी बेटी वर्तमान में सभासद हैं.
अखिलेश ने एक तीर से साधे कई निशाने
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दलित महिला के हाथों चुनाव कार्यालय उद्घाटन कराकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मैनपुरी सीट से कभी भी जीत दर्ज नहीं की है, लेकिन उसका एवरेज वोट 16 फीसदी के करीब है.
मैनपुरी का जातीय समीकरण
मैनपुरी में करीब 2 लाख दलित वोटर्स (Dalit Voters) हैं, जिनमें से 1.2 लाख जाटव मतदाता हैं. इसके अलावा 60 हजार मतदाता कटरिया समाज के हैं और अन्य दलित 20 हजार हैं. बसपा के चुनावी मैदान में नहीं होने से समाजबादी पार्टी इन वोटर्स को अपनी तरफ करना चाहती है. वहीं, बीजेपी भी अनुसूचित जाति के मतों को लेकर सक्रिय हो गई है.
मैनपुरी उपचुनाव में बीजेपी से सपा का सीधा मुकाबला
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समाजवादी पार्टी (SP) के गढ़ और पिता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सियासी विरासत को बचाने की कोशिश में लगे हैं. इसके लिए उन्होंने मैनपुरी उपचुनाव में पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) को मैदान में उतारा है, जिसका सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) से है.
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