Two BJP Councillors Disqualified: गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका लगा है. अमरेली के दामनगर नगरपालिका के दो पार्टी पार्षदों को गुजरात नगर पालिका अधिनियम, 1963 का उल्लंघन कर तीसरा बच्चे पैदा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है.


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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अमरेली जिला कलेक्टर अजय दहिया के कार्यालय ने सोमवार को एक आदेश जारी कर खीमा कासोटिया (Khima Kasotiya) और मेघना बोखा (Meghna Bokha) को शहरी स्थानीय निकाय के पार्षदों के रूप में तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित कर दिया.


कलेक्टर ने फैसले में दामनगर नगरपालिका के मुख्य अधिकारी क्रुपेश पटेल द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए जन्म प्रमाण पत्रों का हवाला दिया.


हालांकि, पार्षदों की अयोग्यता से नगर निकाय पर बीजेपी की पकड़ पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


कलेक्टर ने अपने ऑर्डर में क्या कहा?
कलेक्टर ने अपने ऑर्डर कहा, ‘आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन, मामले में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए गए रिकॉर्ड और मामले के गुण-दोषों को ध्यान में रखते हुए, निम्नलिखित तथ्य सामने आते हैं… प्रतिवादी नंबर 1 (खिमा कासोटिया) और 2 (मेघना बोखा) के 2021 में दामनगर नगर पालिका के लिए चुनाव समय दो बच्चे थे. प्रतिवादी नंबर 1 के यहां तीसरे बच्चे का जन्म 10 मई, 2023 को हुआ और प्रतिवादी नंबर 2 के यहां 14 मार्च, 2023 को तीसरे बच्चे का जन्म हुआ.'


कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा कि यह गुजरात नगर पालिका अधिनियम की धारा 11(1)(एच) का उल्लंघन है.


4 अगस्त, 2005 को गुजरात नगर पालिका अधिनियम में धारा 11(1)(एच) जोड़ी गई, जिससे उन लोगों को नगर पालिका का सदस्य बनने के लिए अयोग्य बना दिया गया, जिनका तीसरा बच्चा उनके पार्षद बनने के बाद हुआ हो.


क्या है पूरा मामला?
कलेक्टर का आदेश 16 जनवरी को दामनगर के एक हीरा पॉलिशर द्वारा दायर एक आवेदन के जवाब में आया. छगन भाकर्सर के आवेदन पर संज्ञान लेते हुए, कलेक्टर ने मुख्य अधिकारी और दो नगरसेवकों से रिकॉर्ड मांगा.


दोनों नगरसेवकों ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि नगर पालिका के चुनाव के बाद तीसरे बच्चे के जन्म पर यह नियम लागू नहीं होता है. हालांकि, उनकी आपत्तियों को कलेक्टर ने खारिज कर दिया.


फैसले पर दोनों नेताओं ने क्या कहा?
रिपोर्ट के मुताबिक कासोटिया और बोखा दोनों पहली बार पार्षद बने थे. कासोटिया (26) ने बताया,  ‘मैं कलेक्टर द्वारा मुझे अयोग्य ठहराने के फैसले का अध्ययन करूंगा और उसके बाद भविष्य की कार्रवाई तय करूंगा.’


बोखा के पति अरविंद ने कहा कि वह कलेक्टर के आदेश को स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस धारणा के तहत थे कि यदि नगरपालिका के सदस्य के रूप में सेवा करते समय तीसरा बच्चा पैदा होता है, तो इसका पार्षद के रूप में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन अगर नियम वास्तव में ऐसा कहता है और मेरी पत्नी को अयोग्य घोषित कर दिया गया है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं.‘


अरविंद ने कहा, ‘मैं इस तथ्य से इनकार नहीं कर रहा हूं कि हम पिछले साल तीसरे बच्चे के माता-पिता बने हैं और अगर तीसरे बच्चे के माता-पिता बनने के लिए किसी को अयोग्य ठहराने वाला कोई नियम है, तो हम इसके खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं.’