India Maldives Relation: भारत और मालदीव के उतार चढ़ाव भरे रिश्तों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर इस समय भारत के अपने आधिकारिक दौरे पर हैं. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने मीडिया के भी सवालों के जवाब दिए हैं. इस सवाल पर कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत नहीं बल्कि चीन दौरे पर गए, उन्होंने कहा कि पिछले राष्ट्रपति परंपरा के तौर पर भारत आते थे. शायद इसीलिए राष्ट्रपति मुइज्जू से भी भारत दौरे की अपेक्षा रखी गई. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि चीन के साथ कोई सैन्य समझौता हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि हम राष्ट्रपति मुइज्जू की जल्द दिल्ली यात्रा पर चर्चा कर रहे हैं.


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असल में छह महीने पहले मालदीव में चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद पहली उच्च स्तरीय यात्रा के तहत जमीर दिल्ली आए हैं. मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों के रिश्तों का विकास ‘आपसी हित’ और पारस्परिक संवेदनशीलता’ पर आधारित है. जमीर के साथ अपनी बातचीत शुरू करते हुए जयशंकर ने कहा कि करीबी और निकटतम पड़ोसी होने के नाते हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है.


हमारी पड़ोस प्रथम नीति, बोले जयशंकर..
जयशंकर ने यह भी कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो ये हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में व्यक्त किया गया है. मुझे आशा है कि आज की हमारी बैठक में हम विभिन्न क्षेत्रों में हमारे दृष्टिकोणों को मजबूत कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में प्रमुख है. हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है; (हमने) जीवन की गुणवत्ता में योगदान दिया है. इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा निकासी और स्वास्थ्य केंद्र तक शामिल हैं. 



'आगे बढ़कर मदद देने वालों में'
उन्होंने यह भी कहा कि हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है. भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है. जयशंकर ने कहा कि हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपके देश की सुरक्षा और कल्याण को भी मजबूत किया है.


बता दें कि मुइज्जू लगातार मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर जोर दे रहे हैं जिससे दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. भारत पहले ही अपने अधिकतर सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है. मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी.  Agency Input