नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में धमाकेदार जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुट गई हैं. ममता के इस मिशन में निशाने पर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) है. ममता बनर्जी देशभर में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए एक के बाद एक कांग्रेस के बड़े नेताओं को तोड़कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ज्वाइन करवा रही हैं.


कांग्रेस के कई नेता ज्वाइन कर चुके हैं टीएमसी


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तृणमूल कांग्रेस (TMC) जॉइन करने वाले कांग्रेस नेताओं में सबसे बड़ा नाम महिला कांग्रेस अध्यक्ष रही सुष्मिता देव (Sushmita Dev), गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता लिईजिन्हो फेलेरियो (Luizinho Faleiro), पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) और कांग्रेस के सीनियर नेता रहे कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) का नाम शामिल है. इनमें से सुष्मिता और फेलेरियो को तो टीएमसी राज सभा का सांसद भी बना चुकी है.


कांग्रेस के ये 2 नेता थामेंगे टीएमसी का दामन


यही नहीं अभी भी कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का ये सिलसिला जारी है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) फिलहाल दिल्ली में हैं और आज कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद (Kirti Azad) और पूर्व में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद रहे अशोक तंवर (Ashok Tanwar) तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थामने वाले हैं.


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प्रशांत किशोर दे रहे हैं ममता के मिशन 2024 को अंजाम


ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के मिशन 2024 को अंजाम देने का काम उनके रणनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कर रहे हैं. वो देश के तमाम रीजनल पार्टी के नेताओं से मिलकर ये काम कर रहे हैं. इस सिलसिले में दिल्ली में शरद पवार (Sharad Pawar) के घर पर एक बैठक भी हुई थी, जिसमें शरद पवार, यशवंत सिन्हा से लेकर तमाम दलों के नेता शामिल थे.


ममता बनर्जी खुद को मानती हैं विपक्ष का बड़ा चेहरा


दरअसल, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 2024 चुनाव के लिए अपने आप को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता मानती हैं और उनकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा कांग्रेस पार्टी है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी उन्हें विपक्ष के चेहरा का तमगा नहीं देना चाहती है. शायद यही वजह है कि वो कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं को तोड़कर उसे कमजोर करना चाहती हैं. अब सवाल ये है कि कांग्रेस को कमजोर कर अपने को विपक्ष का चेहरा बनाने में क्या ममता बनर्जी कामयाब हो पाएंगी. ये तो वक्त बताएगा, लेकिन ममता अपने काम को अंजाम देने में लगातार जुटी हुई हैं.


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