Manipur Violence Updates: मणिपुर हिंसा की `एकतरफा कवरेज` पर बुरा फंसा `एडिटर्स गिल्ड`, अध्यक्ष समेत 4 सदस्यों पर केस दर्ज
Manipur Violence Latest News: मणिपुर हिंसा की `एकतरफा कवरेज` एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया बुरा फंस गया है. राज्य में गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा समेत 4 सदस्यों पर केस दर्ज किया गया है.
Manipur Violence Latest Updates: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (EGI) पर राज्य में संघर्ष भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही मणिपुर हिंसा संबंधी मीडिया कवरेज की आलोचना करने पर ईजीआई की अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं. सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में कई लोग मारे गये हैं और कई बेघर हो गये हैं, ऐसे में EGI ने मणिपुर की जटिलता और राज्य के इतिहास को समझे बिना ‘पूरी तरह एकतरफा’ रिपोर्ट प्रकाशित की है.
EGI के 4 सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जो मणिपुर राज्य में स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.’ जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य - सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं. गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा (Manipur Violence Latest Updates) की कवरेज के लिए पिछले महीने सात से 10 तारीख के बीच राज्य का दौरा किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक एडिटर्स गिल्ड ने पिछले सप्ताह प्रकाशित एक रिपोर्ट में मणिपुर में मीडिया कवरेज की आलोचना की थी. गिल्ड के सदस्यों ने दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आई सभी खबरें एकतरफा हैं. इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) की तथ्यान्वेषी समिति के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने निंदा की.
'राज्य में जहर उगलने आए थे'
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘वे राज्य विरोधी, राष्ट्र विरोधी और जनता विरोधी हैं और जहर उगलने (Manipur Violence Latest Updates) आए थे. अगर मुझे पहले पता होता तो उन्हें प्रवेश नहीं करने देता.’ ईजीआई ने शनिवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसे कई ज्ञापन मिले हैं जिनमें कहा गया है कि मणिपुर में मीडिया मेइती और कुकु-चिन समुदायों के बीच जातीय संघर्ष पर भेदभावपूर्ण भूमिका अपना रहा है.
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘मैं एडिटर्स गिल्ड (Editors Guild of India) के सदस्यों को यह चेतावनी भी देता हूं कि यदि आप कुछ करना चाहते हैं तो कृपया मौके पर आएं, जमीनी हकीकत देखें. सभी समुदायों के प्रतिनिधियों, सभी पीड़ितों से मिलें और जो देखें, उसे प्रकाशित करें. अन्यथा, समाज के कुछ वर्गों से ही मिलना और निष्कर्ष पर पहुंच जाना-यह नुकसानदेह और निंदनीय है.’
'किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं हुई हिंसा'
उन्होंने कहा कि यह दावा सच नहीं है कि केवल एक समुदाय को घरों से निकालने की कार्रवाई (Manipur Violence Latest Updates) की गई. मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि किसी ने उस ‘मां’ के बारे एक शब्द नहीं कहा, जिसने निर्वस्त्र महिलाओं को कपड़े दिए थे और उन्हें घर भेजा था. सिंह ने आरोप लगाया कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इसी तरह की घटनाओं पर कोई कुछ नहीं कह रहा, जबकि वहां पर इससे भी ज्यादा वीभत्स घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य में चिह्नित अवैध प्रवासियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्रित करने की प्रक्रिया जारी है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केंद्र ने हमसे सितंबर तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा था लेकिन हमने एक वर्ष का समय और मांगा है क्योंकि हमें और गांवों में पता लगाना है.’
धमकी देने वाले कुकी नेता पर केस दर्ज
सिंह ने कहा कि कुकी इन्पी मणिपुर के नेता के. हाओकिप के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि उन्होंने धमकी दी थी कि जब तक राजनीतिक समाधान नहीं निकल जाता, कोई मेइती भारत-म्यांमा सीमा पर स्थित मोरेह कस्बे में नहीं घुस सकता. ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने भी ‘कहे-सुने के आधार पर आरोपों’ के लिए EGI की आलोचना की है.
उधर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने EGI पर दर्ज हुए मुकदमों पर नाराजगी जताई है. PCI ने बयान जारी कर कहा, ‘यह राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने के बजाय संदेशवाहक को ही निशाने पर लेने का मामला है. हम मांग करते हैं कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और इसके तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी तत्काल वापस ली जाए.’
(एजेंसी भाषा)