Manish Sisodia Bail: आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीने से जेल में बंद हैं. दिल्ली में कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उन्‍हें आरोपी बनाया गया है, अभी तक उनको जमानत नहीं मिली है. मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए कई बार कोर्ट के दरवाजे खटखटा चुके हैं, अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सोमवार (29 जुलाई)  को याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है. उन्होंने यह कहते हुए जमानत मांगी है कि वह 16 महीने से हिरासत में हैं और पिछले साल अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है.


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29 जुलाई को बेल पर होगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 29 जुलाई की कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को कहा था, "नोटिस का जवाब 29 जुलाई तक दें. हम दो सप्ताह बाद इस पर फिर विचार करेंगे."


16 महीने से जेल में बंद
सिसोदिया के वकील ने तर्क दिया कि वरिष्ठ आप नेता 16 महीने से जेल में हैं और केस आगे नहीं बढ़ रहा है. अक्टूबर 2023 से जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 30 अक्टूबर को अपने फैसले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले तीन महीने में मुकदमा धीमी गति से आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.


पहले जमानत याचिका हो चुकी है खारिज
उधर, राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, अपनी याचिका में सिसोदिया ने दूसरी बार रेगुलर बेल मांग की थी. जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि मामले की कार्यवाही में देरी काफी हद तक सिसोदिया के कारण ही हुई है. इसके बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत आवश्यक दोहरी शर्तों को पूरा नहीं करते.


सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
इसे चुनौती देते हुए सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा था कि शराब नीति मामले में अंतिम आरोप पत्र/शिकायत तीन जुलाई तक दायर की जाएगी.

31 जुलाई तक सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 
इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी थी. पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.


 


​मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था
मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में उनकी भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था. बाद में ईडी ने उन्हें 9 मार्च 2023 को संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया. गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी, हालांकि, वह अभी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं क्योंकि उन्होंने मामले में जमानत बांड नहीं भरा है. वह सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.


अब सुप्रीम कोर्ट ही सहारा
सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी है. सिसोदिया ने 21 मई को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने मामले की सुनवाई 29 जुलाई को तय की है.