Former PM Manmohan Singh: दुनिया के टॉप अर्थशास्त्रियों में शुमार पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह शायद इस क्षेत्र में कभी आते ही नहीं. मनमोहन सिंह जी के पिता चाहते थे कि वो डॉक्‍टर बनें, इसके चलते उन्‍होंने प्री-मेडिकल कोर्स में एडमिशन भी ले लिया था. लेकिन बाद में उन्‍होंने अपनी शिक्षा की दिशा बदली और फिर दुनिया को एक महान अर्थशास्‍त्री मिला. मनमोहन सिंह जी की बेटी दमन सिंह ने उन पर लिखी किताब में इस पूरी घटना का जिक्र किया है.


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विज्ञान में पढ़ने में नहीं आया इंट्रेस्‍ट


दमन सिंह ने 2014 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण' में यह भी लिखा कि अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो उन्हें आकर्षित करता था. उन्होंने यह भी लिखा कि उनके पिता में हास्य की अच्छी समझ थी. अप्रैल 1948 में मनमोहन सिंह ने अमृतसर के खालसा कॉलेज में दाखिला लिया था.  दमन ने अपनी पुस्तक में इसका उल्लेख करते हुए लिखा, ''चूंकि, उनके पिता चाहते थे कि वह चिकित्सक बनें, इसलिए उन्होंने (मनमोहन सिंह) 2 वर्षीय एफएससी पाठ्यक्रम में दाखिला ले लिया, जिससे उन्हें चिकित्सा में आगे की पढ़ाई करने का मौका मिलता. कुछ ही महीनों बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. चिकित्सक बनने में उनकी रुचि खत्म हो गई थी. असल में, विज्ञान पढ़ने में भी उनकी रुचि खत्म हो गई थी. इसके बाद उन्‍होंने अर्थशास्‍त्र की पढ़ाई करने का निर्णय लिया. ''  


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फिर कैम्ब्रिज-ऑक्‍सफोर्ड तक पहुंचे


इसके बाद मनमोहन सिंह जी ने पंजाब की यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्‍ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, यूके गए. जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की.  ​​इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल. की. उन्‍होंने पंजाब विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) में टीचिंग भी की. बाद में समय उन्‍हें राजनीति के क्षेत्र में ले आया और बतौर पीएम उन्‍होंने देश में कई महत्‍वूर्णि आर्थिक सुधार किए.


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