नई दिल्‍ली: गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्र‍िकर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनकी निधन की खबर से राजनीतिक गलियों के साथ साथ पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. पर्र‍िकर की पहचान एक आम आदमी के सीएम के रूप में रही है. उनकी निधन की खबर से उनके समर्थकों फूट फूट कर रोने लगे. उनके निवास स्‍थान पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. उनकी साधारण जीवनशैली लोगों के बीच अक्‍सर चर्चा का विषय रहती थी. उन्‍होंने दिखाया कि भारत की राजनीति में बिना भ्रष्‍टाचार कैसे साफ सुथरी राजनी‍ति कैसे की जाती है. वह सिंपल कपड़ों में ही रहते थे. आम नेताओं की तरह वह कुर्ता पायजामा या सूट बूट में नहीं दिखते थे.


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उनकी वेशभूषा लोगों की बीच अक्‍सर चर्चा का विषय रहती थी. वह सूट बूट से दूर रहते थे. छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने उनके निधन पर शोक जताते हुए उन्‍हें एक शानदार नेता और अच्‍छे दोस्‍त के रूप में याद किया. उन्‍होंने कहा, ''वह भले साधारण तरीके से रहते थे, लेकिन वह असाधारण थे. वह दिखावे से दूर रहते थे. यही कारण है कि उन्‍हें औपचारिक ड्रेस में कम ही देखा जाता था. जब हम उनसे पूछते थे तो वह कहते थे कि टाई का बंधन मुझे गले में अच्‍छा नहीं लगता. इसलिए मैं इसे खुद से दूर ही रखता हूं.''


गोवा से था लगाव
मनोहर पर्र‍िकर वर्ष 2000 में पहली बार सीएम बने. 2014 में वह देश के रक्षामंत्री बने. लेकिन उनका मन हमेशा गोवा में ही रहा. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्‍हें याद करते हुए कहा, उनका जाना बहुत बड़ा नुकसान है. वह गोवा से बहुत प्‍यार करते थे. वह अक्‍सर कहते थे कि मैं यहां बहुत अहम मंत्रालय संभाल रहा हूं, लेकिन मेरा मन गोवा में ही रहता है. वह गोवा जाने के लिए हमेशा कहते रहते थे.


बेटे की शादी की थी कम्‍यूनिटी सेंटर से
मनोहर पर्रिकर की जीवनशैली सिर्फ दिखावे के लिए सिंपल नहीं थी, उन्‍होंने अपने बेटे की शादी भी एक कम्‍यून‍िटी सेंटर से की थी. अक्‍सर वह स्‍कूटी से ही विधानसभा चले जाते थे.