Manoj Sinha: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को केंद्रशासित प्रदेश में हुये हालिया आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे प्रदेश में सफल और शांतिपूर्ण चुनावों तथा लोगों द्वारा लोकतंत्र में विश्वास व्यक्त करने से हताश हैं. सिन्हा ने ने कहा कि सुरक्षा बलों और पुलिस को अपराधियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के निर्देश और पूरी स्वतंत्रता दी गई है.


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सिन्हा ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए. लोगों ने लोकतंत्र में अपनी आस्था व्यक्त की और इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया. स्वाभाविक रूप से हमारा पड़ोसी देश (पाकिस्तान) इससे बहुत परेशान और हताश है तथा यहां अपने तत्वों के माध्यम से इस तरह की कायराना हरकतें कर रहा है.’’ सिन्हा ने दोहराया कि सुरक्षा बलों को इन तत्वों को खत्म करने के लिए पूरी आजादी दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम जल्द ही इन तत्वों का पता लगा लेंगे और उन्हें कड़ी सज़ा देंगे.’’


गांदरबल में रविवार को हुए हमले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए सिन्हा ने कहा कि ज़ेड मोड़ सुरंग का काम लगभग पूरा हो चुका था. ‘‘वहां काम कर रहे एक डॉक्टर, कुछ कर्मचारी और मजदूरों की दुखद मौत हो गई. जैसे ही काम पूरा होने वाला था, यह निंदनीय घटना घटी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ डीजीपी, अतिरिक्त डीजीपी कानून व्यवस्था और आईजी स्थिति का आकलन करने के लिए मौके पर पहुंचे. मैं सुबह घायलों का हालचाल जानने के लिए एसकेआईएमएस अस्पताल गया. भगवान की कृपा से सभी की हालत स्थिर है.’’


उप राज्यपाल ने पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के संबंध में कहा कि जीवन का मूल्य पैसों में नहीं मापा जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों की जान गई है उनके परिवार को मदद की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मैंने जेड मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी से भी बात की है. कंपनी प्रत्येक पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपये देगी और नियमित कर्मचारियों को भी बीमा मुआवजा मिलेगा.’’


सिन्हा ने यह भी कहा कि हमले के मारे गए जम्मू-कश्मीर के लोगों के परिवारों को नौकरी देने की व्यवस्था की जा रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गठन के बाद पाकिस्तान और आतंकवादी आतंकवाद को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सरकार गठन और इसके बीच कोई संबंध है. यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.’’


सिन्हा ने आगे कहा कि दुनिया जानती है कि पड़ोसी देश हताशा में इस तरह की हरकतें कर रहा है. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा बल उचित जवाब देंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे. लक्षित और चुनिंदा हत्याओं के फिर से सामने और इन्हें रोकने की सरकार की नीति के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में, जम्मू और कश्मीर चिंता का विषय था, खासकर 2020 में. सुरक्षा बलों ने चौतरफा अभियान चलाया और विभिन्न संगठनों के कमांडरों को निष्क्रिय कर दिया. स्थानीय भर्ती पिछले 25 वर्षों में सबसे कम है.’’


सिन्हा ने यह भी बताया कि टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है, जैसा कि उसने पहले भी किया है. उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, दो संगठन अलग-अलग नामों से काम करते हैं और ये कृत्य करते हैं. लेकिन हमारे सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां ​​इनके बारे में पूरी तरह से जानती हैं.’


(एजेंसी इनपुट के साथ)