Bet Dwarka: गुजरात में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े इस टापू पर बना दी गई कई मजारें, अवैध कब्जा थीं या फिर कोई बड़ी साजिश?
Bet Dwarka Gujarat: पाकिस्तान के कराची शहर से कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर बसे गुजरात के बेट द्वारका द्वीप पर धीरे-धीरे करके कई मजारनुमा ढांचे खड़े कर दिए गए. प्रशासन ने जब मामले की जांच की तो कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं.
Mazar in Bet Dwarka Gujarat: गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 500 किलोमीटर दूर द्वारका जिले के बेट द्वारका (Bet Dwarka) में क्या देश के खिलाफ कोई साजिश रची जा रही थी? क्या आने वाले गुजरात चुनाव में कुछ गड़बड़ करने की कोशिश चल रही थी? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि द्वारकाधीश भगवान कृष्ण की नगरी में 1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक लगातार प्रशासन का बुलडोजर चलाया गया. इस अभियान के बाद जो बातें सामने आई वो आपके कान खड़े कर देगी.
बेट द्वारका में मजार के नाम पर कब्जा ली गई जमीन
जिस जगह पर प्रशासन का बुलडोजर चला है, दरअसल वो चारों तरफ समंदर से घिरा एक टापू है, जहां पर जाने के लिए सिर्फ बोट ही एक सहारा है. इसी टापू (Bet Dwarka) पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य किया था. यहां सबसे पहले अलग-अलग जगहों पर मजार बनाई गई और फिर धीरे धीरे जमीन को कब्जा करने का खेल शुरू हुआ. यहां तक तो मामला सरकारी जमीन के कब्जे का लगता है लेकिन जब ज़ी न्यूज ने मौके पर जाकर पड़ता की तो और भी सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं.
1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक चली इस कार्रवाई के दौरान और उसके अगले 2 दिनों तक बेट द्वारका (Bet Dwarka) में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. अभी भी यहां पुलिस बंदोबस्त तैनात है, हालांकि टूरिस्ट को आने जाने की छूट दे दी गई है. बेट द्वारका के रहने वाले और द्वारकाधीश के मंदिर में पुजारी धरम ठक्कर ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का घर इसी बेट द्वारका के टापू पर है. यहीं पर वो अपने पूरे परिवार के साथ रहते थे. इस टापू पर उनका एक भव्य मंदिर भी है.
करीब 5 हजार वर्गफीट जमीन पर कर लिया कब्जा
टापू पर मौजूद डीएसपी समीर सारडा ने बताया कि पहले मजार बनाकर लोगों में विश्वास पैदा करने का काम किया गया. उसके बाद मजार की आड़ में अवैध रूप से कब्जे का खेल शुरू हो गया. उन्होंने बताया कि इस टापू पर रमजान गनी पलानी ने 5000 वर्ग फुट जमीन पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद उसने उस जमीन पर कमर्शियल दुकानें बना लीं, जिसे अब ध्वस्त कर दिया गया है. खास बात ये है कि सभी दुकानें समंदर के ठीक किनारे पर थी.
पुलिस के मुताबिक ये एक स्ट्रेटजिक लोकेशन है, यहां से अवैध काम करने वाले लोग पुलिस की आवाजाही पर निगरानी रखते थे. रमजान गनी पलानी को वर्ष 2019 में 500 किलो ड्रग्स की तस्करी के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. वह पाकिस्तान के मछुआरों की मदद से देश में ड्रग्स की तस्करी को अंजाम दे रहा था. रमजान गनी पलानी का बेटा जावेद भी अवैध तस्करी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद है. जबकि रमजान ड्रग तस्करी के आरोप में हिंदुस्तान की जेल में कैद है.
तटरक्षक बल पर रखी जा सकती थी नजर
डीएसपी ने बताया कि टापू (Bet Dwarka) के सुनसान इलाके में मजार के नाम पर एक बड़ा स्ट्रक्चर तैयार कर दिया गया था. हालांकि अब उसे तोड़ दिया गया है. जांच में पता चला कि जिस जगह को मजार बताकर प्रचारित किया जा रहा था, वहां पर दरअसल कोई मजार थी ही नहीं. वहां पर मजार के नाम पर सिर्फ अवैध निर्माण को अंजाम दिया गया था. इस अवैध निर्माण को अंजाम देने वाला शख्स कौन है? यह अभी भी एक पहेली है.
समीर सारडा ने बताया कि जिस जगह पर यह अवैध निर्माण किया गया था, उसके ठीक सामने भारतीय तट रक्षक दल का स्टेशन है. जहां से तट रक्षक बल के जवान एयर क्राफ्ट और शिप के आने जाने पर नजर रखते हैं. पुलिस के मुताबिक इस टापू के दोनों छोर से कराची की तरफ जाने वाला समुद्री मार्ग भी है, जहां से ड्रग तस्करी को पहले अंजाम दिया जा चुका है. यानी कि इस रूट से आतंकी गतिविधियों को भी अंजाम दिए जाने की पूरी संभावना थी.
जिला प्रशासन ने की अतिक्रमण रोधी कार्रवाई
अब हम आपको बताते हैं 10 से 12 वर्ग किलोमीटर में फैले बेट द्वारका (Bet Dwarka) में 6 दिनों तक चली कार्रवाई में द्वारका जिला प्रशासन ने बेट द्वारका से 113 अवैध स्ट्रक्चर को तोड़ा. इनमें 5 मजार भी शामिल थीं. अवैध कब्जे से मुक्त हुई जमीन की कीमत करीब 6 करोड़ 50 लाख रुपए है.
कहने को तो बेट द्वारका हिंदुओं का एक बड़ा धर्म स्थल है लेकिन इस टापू की 10000 की आबादी में करीब साढ़े 8 हजार मुस्लिम है जबकि डेढ़ हजार के आसपास हिंदू और अन्य धर्म के लोग रहते हैं. यहां पर आबादी में अल्पसंख्यक हिंदू है ये चिंता का विषय नहीं है बल्कि चिंता इस बात की है की आखिर अवैध निर्माण कर रहे इन लोग की मंशा क्या थी? आखिर क्यों खुफिया एजेंसियां और पुलिस इस कार्रवाई के लिए अग्रसर हुई और अब अवैध निर्माण करने वालों तक पहुंचने में जुटी है.
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